नई दिल्ली/चंडीगढ़ : हाईकमान द्वारा आंखे दिखाए जाने के बाद मंगलवार को हरियाणा के कांग्रेसी नेता मजबूरी में एक मंच पर आ गए। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बनाई गई चुनाव समन्वय समीति की पहली बैठक यह साफ कर दिया गया है कि हरियाणा में कांग्रेस किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है फिर भी अंतिम फैसला हाईकमान द्वारा लिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी 26 मार्च से हरियाणा में चुनावी शंखनाद करेगी। इस बैठक में पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद विशेष रूप से शामिल हुए।
दिलचस्प बात यह है कि पिछले पांच साल से एक-दूसरे का विरोध करने के बावजूद आज की बैठक में हुड्डा के बाद सबसे पहले अशोक तंवर पहुंचे। तंवर के बाद अन्य सदस्य पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते कुलदीप बिश्नोई आज की बैठक में नहीं आए। अलबत्ता उनकी अनुपस्थिति को लेकर कई तरह की अटकलों का दौर जारी है। कहा जाता है कि बिश्नोई हुड्डा को समन्वय समीति का अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज हैं। दूसरी तरफ बिश्नोई समर्थकों का दावा है कि परिवारिक कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण वह आज की बैठक में नहीं आए।
बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि 26 मार्च कोे फरीदाबाद से हरियाणा में रोड शो शुरू किया जाएगा। इसमें हरियाणा कांग्रेस के सभी बड़े नेता शामिल होंगे। होली के बाद कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में हरियाणा में लोकसभा की सभी सीटें जीतने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर, विधायक दल की नेता किरण चौधरी, रणदीप सुरजेवाला और कुलदीप बिश्नोई सहित 15 वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
– राजेश जैन, आहूजा