चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हरियाणा दौरे से पहले बड़ा दांव खेलते हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जाटों के विरूद्ध दर्ज किए गए मुकद्दमे वापस लेने का फैसला कर लिया है। गृह विभाग ने इस मामले में मंगलवार को देररात फैसला लेने के बाद बुधवार को विभागीय कार्रवाई को अमली रूप देना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अमित शाह के हरियाणा दौरे से पहले-पहले इस दांव के माध्यम से जाटों को शांत कर लिया जाएगा। हरियाणा सरकार इससे पहले भी जाटों के विरूद्ध दर्ज मुकद्दमे वापस ले चुकी हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जिन केसों को सरकार द्वारा खारिज करने की तैयारी की जा रही है जिनके बारे में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर अक्सर हर मंच से खारिज करने से इनकार करते आए हैं। अब अमित शाह के हरियाणा दौरे से पहले जाटों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी देते हुए 15 फरवरी को जींद में भाईचारा न्याय यात्रा का समापन करने का ऐलान कर रखा है। जाट समुदाय ने शाह की मोटरसाइकिल रैली के दौरान काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी हुई है। जिसके चलते प्रदेश सरकार एकदम से नरम पड़ गई है। मंगलवार की रात सरकार ने आनन-फानन में जाटों के विरूद्ध दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला किया। सूत्रों की मानें तो सरकार ने 70 मुकदमों को वापस लेने की तैयारी कर ली है। इससे 822 लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी।
यह प्रक्रिया लगातार चल रही है। गृह विभाग द्वारा बुधवार को शुरू की गई कार्रवाई के तहत सरकार उन मुकदमों को वापस लेगी जो सामान्य किस्म के हैं और गंभीर नहीं है। सरकार वापस लिए जाने वाले मामलों पर कानूनी राय ले रही है। सरकार ऐसी चेतावनियों से सख्ती से निपटने की बजाए पिछले कुछ दिनों से कोई न कोई ऐसा फैसला ले रही है जिससे विभिन्न वर्गों की या तो पुरानी मांग पूरी हो रही है या फिर राहतों का ऐलान किया जा रहा है।
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(राजेश जैन)