नई दिल्ली : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) के दोनों ओर पांच स्मार्ट शहर बसाए जाएंगें और इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विकास की दृष्टि से यह शहर सिंगापुर से कम नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम को स्मार्ट ही नहीं सुपरस्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है।मुख्यमंत्री हरियाणा भवन, नई दिल्ली में वर्तमान सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजिस प्रैस वार्ता में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के 105 मोहल्ला क्लीनिक को हल्ला क्लीनिक बताया और कहा कि अरविन्द केजरीवाल लोगों को बरगलाने का काम करते है। दिल्ली के ये मोहल्ला क्लीनिक कहीं पशुबाड़े बने हुए है तो इनमें कहीं गंदगी के ढेर लगे हुए है। वो हरियाणा की नीतियों को मुकाबला कहीं नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल पंजाब में जाते हैं तो एसवाईएल पर पंजाब का हक बताते हैं दिल्ली में आते हैं तो इस पर दिल्ली का अधिकार जताते हैं और हरियाणा में आने पर एसवाईएल के मामले पर उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुए हैं और प्रदेश में 36 ब्लाक सक्षम घोषित हो चुके है।
उन्होंने कहा कि दूसरों की आलोचना से पहले अपने भीतर झांकना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने के कारण दिल्ली में मौजूदा वर्ष में प्रदूषण में 50 प्रतिशत की बढौतरी हुई है जबकि दिल्ली का कृषि योग्य क्षेत्र केवल 7600 हैक्टेयर है जो हरियाणा के एक जिले के रकबे के बराबर है, तो वहीं, हरियाणा-पंजाब ने पिछले समय की तुलना में काफी कमी पराली के प्रदूषण में की है। मनोहर लाल ने कहा कि सरकार के पास विकास योजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मौजूदा चार सालों में 6800 घोषणाए की हैं, जो अधिकांश पूरी हो चुकी हैं, केवल वर्ष 2018 की घोषणाओं पर कार्य होना शेष है जिसे अगले साल तक पूरा कर दिया जाएगा जबकि पिछली सरकार के दस साल के कार्यकाल में 6500 घोषणाएं की।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने जनहित में जो नीतियां बनाई हैं, उनके प्रभावी परिणामों को देखते हुए दूसरे राज्यों की ओर से भी अनुसरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाजरे को 1950 रूपए प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है और एक-एक दाने की खरीद सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के लाभपात्रों को मिलने वाली राशि का लाभ सीधे हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत उनके खातों में जाने से न केवल पारदर्शिता बढी हैं बल्कि सरकार को लगभग 1000 करोड रूपए की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना से किसानों को सुदृढ करने का काम सरकार ने किया है, सब्जियों के बाद अब बाजरे की फसल को भी शामिल किया गया है।