सिरसा : भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण हरियाणा में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में नौकरी देने का वायदा अपने संकल्प पत्रों में किया है जबकि भाजपा सरकार हरियाणा के बरोजगार युवाओं के इलावा बाहरी लोगों को बड़ी नौकरियों में प्राथमिकता देती रही है।
यह बयान इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने मीडिया से रूबरू होते हुए दिया और इनेलो नेता ने कहा कि उन्होंने बाहरी लोगों को नौकरी देने के विरोध में मुख्यमंत्री महोदय को 2 अगस्त, 2019 को एक पत्र लिखकर चेताया था कि बाहरी लोगों को उच्च पदों पर नियुक्त करने की बजाय हरियाणा के पढ़े-लिखे एवं बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति किया जाना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर उस पत्र में लिखा था कि श्री बीके कुठालिया को हरियाणा उच्च शिक्षा काउंसिल के चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया जाना गलत था, जबकि इसकी जगह किसी हरियाणावासी को इस विभाग का चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए था। इनेलो नेता ने बताया कि कथित अधिकारी को मध्यप्रदेश की स्पेशल कोर्ट ने एंटी क्रप्शन एक्ट के तहत अदालत में पेश होने के लिए आदेश दिया था।
गठबंधन की सरकार 75 प्रतिशत हरियाणा औद्योगिक इकाइयों में नौकरी देने की बात करती है जबकि कानून के अनुसार भाजपा ने क्लर्क व चपरासी की नौकरियों के बारे में ही यह नियम बनाया है और उद्योगों में जो बड़ी टेक्नीकल नौकरियां हैं, उनके बारे में सरकार ने अभी तक कोई नियम नहीं बनाया और औद्योगिक इकाइयां अपनी मर्जी से इन पदों पर बाहर के लोगों को नौकरियां दे रही हैं।
इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा के बेरोजगार युवाओं को उद्योगों के लिए दक्ष नहीं यह कहकर, उनके जले पर नमक छिड़कने वाली बात है जबकि हरियाणा के युवकों में किसी भी तरह कौशल का अभाव नहीं है और वह टेक्नीकल और बड़ी नौकरियों के लिए योग्यता रखते हैं।