नई दिल्ली : पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस में रहेंगे या नहीं इसका फैसला उनके द्वारा गठित कमेटी ने उन्हीं पर छोड़ दिया है। 3 सितंबर को दिल्ली के विट्ठल भाई पटेल हाउस में हुई बैठक में हुड्डा समर्थित नेता पहुंचे। बताया जा रहा है कि हुड्डा ने एक-एक विधायक से उनकी राय जानी। आखिर में पूरी कमेटी ने हुड्डा को अधिकृत कर दिया और उन्हीं पर आखिरी फैसला छोड़ा है। बैठक से बाहर निकले कुछ नेताओं का कहना था कि अगर कांग्रेस हाईकमान इंटेलिजेंट है तो हुड्डा को कमान सौंपे, नहीं तो हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
उनका कहना था कि हुड्डा यदि कांग्रेस में रहेंगे तो वे कांग्रेस में रहेंगे यदि हुड्डा अलग पार्टी बनाएंगे तो वे उन्हीं के साथ जाएंगे। इस मामले पर जल्द निर्णय हो सकता है क्योंकि विधानसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर आ गए हैं। इस महीने कभी भी आचार संहिता लग सकती है। गौरतलब है कि 18 अगस्त को भूपेंद्र हुड्डा द्वारा रोहतक में की गई रैली में कांग्रेस के खिलाफ तीखी बयानबाजी की थी। उन्होंने कहा था कि अब की कांग्रेस पहले वाली नहीं रही। इसलिए वे सभी बंधन तोड़कर पहुंचे हैं और कमेटी जो निर्णय करेगी, वह उन्हें मान्य होगा।
इसके बाद वे कांग्रेस की अंतरित अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर हरियाणा प्रभारी गुलाम बनी आजाद से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन अभी तक पार्टी कोई निर्णय नहीं ले पाई है। इस बैठक में हुड्डा गुट के सभी मौजूदा तथा पूर्व विधायक और पूर्व सांसद मौजूद रहे। हालांकि बैठक के बाद हुड्डा गुट की तरफ से मीडिया को कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया लेकिन बैठक में मौजूद विधायकों की मानें तो कई घंटे के मंथन के बावजूद इस बात पर सहमति नहीं बनी कि हुड्डा कांग्रेस को छोड़े या फिर कांग्रेस में रहें।
कुछ नेता कांग्रेस छोड़कर नए बैनर तले काम करने पर जोर दे रहे हैं तो कुछ नेता कांग्रेस में ही रहने के लिए जोर लगा रहे हैं। कई घंटे के मंथन के बाद हुड्डा समर्थकों ने फिर से हुड्डा के पाले में गेंद डालते हुए किसी तरह का फैसला लेने के लिए उन्हें ही अधिकृत कर दिया। अब कोई भी फैसला हुड्डा द्वारा लिया जाएगा।