चंडीगढ़ : हरियाणा में कांग्रेसियों की लड़ाई कम होने की वजह अब लगातार बढ़ती जा रही है पहले सुबह के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शक्ति प्रदर्शन किया और अब हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच शक्ति प्रदर्शन की इस होड़ के चलते पार्टी हाईकमान दुविधा में है।
अशोक तंवर ने 12 जून को अपने समर्थकों की गुड़गांव में बैठक बुलाई है जबकि हुड्डा दिल्ली में बैठक कर सकते प्रदर्शन कर चुके हैं। चुनाव परिणामों के बाद चरम पर पहुंची गुटबाजी के बीच हुड्डा और तंवर खेमे ने खुलकर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। रविवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जहां समर्थक विधायकों-पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों की फौज इकट्ठी कर आलाकमान पर दबाव की राजनीति अपनाते हुए ‘ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया, वहीं हरियाणा कांग्रेस के प्रधान अशोक तंवर ने जवाबी हमले के लिए गुरुग्राम को चुना है जहां वे बुधवार को फाइनल दांव खेलेंगे। हरियाणा में करीब साढ़े तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्रत्याशियों को टिकट वितरण में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की अहम भूमिका होगी। यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर को बदलवाने के लिए अपने तरकश के सारे तीर छोड़ दिए हैं। रणनीति के तहत हुड्डा गुट ने ताजपोशी के लिए तीन बार सांसद रह चुके दीपेंद्र हुड्डा का नाम आगे किया है। वहीं, कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी से अभयदान पा चुके तंवर दोटूक कह चुके कि वह अपनी कुर्सी नहीं छोड़ेंगे।
(राजेश जैन)