दुनिया के विभिन्न देशों में सरकारों द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों की जासूसी कराने का मामला एक बार फिर उछला है। जासूसी मुद्दे को लेकर केंद्र और बीजेपी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई। कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमलावर होते हुए कहा, सरकार के पास जासूसी के लिए समय है लेकिन किसानों के मुद्दों के लिए नहीं।
कांग्रेस सांसद ने कहा, देश का किसान पिछले 8 महीने से कृषि कानूनों की वापसी के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है। किसान की आवाज़ सुनने का समय सरकार के पास नहीं है लेकिन फोन टैपिंग कर विपक्ष, न्यायपालिका और मीडिया की बात सुनने का पूरा समय इस सरकार के पास है।
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गौरतलब है कि कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर पंजाब कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा में लगातार दूसरे दिन स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश किया, जिसमें स्पीकर ओम बिरला से सदन का कामकाज स्थगित करने और आंदोलनकारी किसानों की चिंताओं पर चर्चा करने का आग्रह किया।
‘जासूसी कांड‘ को लेकर 22 जुलाई को कांग्रेस का रोष मार्च
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, न्यायधीशों, पत्रकारों तथा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की केंद्र सरकार द्वारा कथित तौर जासूसी कराने के विरोध में 22 जुलाई को हरियाणा राजभवन की ओर रोष मार्च निकालेगी।
विरोध मार्च सुबह दस बजे पार्टी के स्थानीय मुख्यालय से राजभवन की ओर निकलेगा जिसकी पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा नेतृत्व करेंगी। पार्टी रोष मार्च के माध्यम से इजरायली स्पाइवेयर पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच कराने तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेगी।