चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के सभी सरकारी कर्मचारियों की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट और सर्टिफिकेट की जांच होगी। हरियाणा सरकार ने यह बड़ा फैसला सीबीआई द्वारा एक फर्जी बोर्ड का भंडाफोड़ किए जाने के बाद लिया है। यह बात सामने आई है कि फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट का गोरखधंधा बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के नाम पर चल रहा था। इसका भंडाफोड़, देहरादून की सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने किया है।
यह बात सामने आई कि इस फर्जी बोर्ड ने पूरे देश में 10वीं और 12वीं के कई फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट जारी किए हैं। ऐसे में हरियाणा को डर है कि कहीं उसके सरकारी तंत्र में ऐसे कर्मचारी तो नहीं जिन्होंने फर्जी बोर्ड के डॉक्यूमेंट के बूते सरकारी नौकरी न हासिल की हुई हो। यह बात सामने आते ही हरियाणा ने सतर्कता बरतते हुए सभी विभागों के अध्यक्षों, निगमों, बोर्डों व कर्मचारी चयन आयोगों को एक आदेश देकर सभी कर्मचारियों के शैक्षणिक डॉक्यूमेंट जांच करने के आदेश दिए हैं।
हरियाणा की मुख्य सचिव की तरफ से जारी आदेश के अनुसार देहरादून की सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन, मध्यभारत (ग्वालियर) के खिलाफ दो केस दर्ज किए थे। आरोप था कि उक्त बोर्ड ने बिना परीक्षाएं लिए ही भारी पैमाने पर फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट जारी किए हैं।पत्र में साफ बताया गया है कि साल 1952 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन के अस्तित्व में आने के बाद देशभर में तमाम बोर्ड निरस्त हो गए थे जबकि बोर्ड ऑफ सेंकेंडरी एजूकेशन, मध्यप्रदेश (ग्वालियर) के कर्ताधर्ताओं ने कानून दांवपेंच के बूते अपनी गतिविधियां जारी रखीं।
जबकि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (नई दिल्ली), उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के शिक्षा विभागों ने उक्त बोर्ट को कोई मान्यता नहीं दी थी। इस तरह इस बोर्ड के जरिए जारी तमाम मार्कशीट व सर्टिफिकेट पूरी तरह अवैध हैं। इस मामले में सीबीआई जांच में यह बात सामने आई कि देश के कई राज्यों ने अपने सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों में हायर एजूकेशन के लिए बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन, मध्यभारत (ग्वालियर) को समानता दी हुई है।
इसके अलावा कुछ राज्यों के स्कूलो व कॉलेजों तक ने इस बोर्ड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा करवाने के लिए एफीलिएशन ली हुई है तथा इसी आधार पर छात्रों को बोर्ड की तरफ से मार्कशीट और सर्टिफिकेट जारी किए हुए हैं। इन मार्कशीटों व सर्टिफिकेट के बूते उम्मीदवारों ने राज्यों तथा केंद्र के सरकारी विभागों में नियुक्तियां तक हासिल कर ली हैं।
कुल मिलाकर यह बात सामने आने के बाद हरियाणा सरकार को आशंका है कि कहीं उनके सरकारी विभागों में भी ऐसे कर्मचारी न हों, जिन्होंने उक्त बोर्ड के आधार पर पूर्व में नियुक्तियां न हासिल कर ली हों। मुख्य सचिव ने इसी आशंका को दूर करने तथा ऐसे कर्मचारियों का पता लगाकर उनकी नियुक्तियों को खारिज करने के साथ उचित कार्रवाई करने के लिए सभी विभागों को कहा है।