हिसार : पिछले कुछ समय से हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल तथा कुछ अन्य किसान और खाप प्रतिनिधियों की ओर से चौटाला परिवार की एकजुटता के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन दुष्यंत चौटाला की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब न मिलने से बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस मुहिम में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, ओमप्रकाश चौटाला और उनके दोनों पुत्र अजय चौटाला तथा अभय चौटाला पहले ही पंचायत को फैसला करने के लिए अधिकृत कर चुके है, वही दुष्यंत चौटाला की मंशा का पता नहीं लग पा रहा है।
श्री दलाल का कहना है कि खाप पंचायतें सिर्फ उन्ही मामलों में आगे बढ़कर समाधान निकाल सकती है जब सभी पक्ष पंचायत को फैसला करने के लिए अधिकृत करे, फैसला पंचायत पर छोड़ दे। इसलिए दुष्यंत चौटाला से स्पष्ट जवाब मिलने के बाद ही हम इस मुहिम को आगे बढ़ सकते हैं। ऐसे में अब खाप पंचायतों ने आखिरी प्रयास करते हुए दुष्यंत चौटाला को पत्र लिख कर स्पष्ट जवाब देने की बात कही है।
पत्र में खापों के ऐतिहासिक योगदान व सर्वजातीय रूप का हवाला देते हुए लिखा है कि खाप पंचायतों द्वारा न्याय करने का गौरवशाली इतिहास रहा है। खापों ने हमेशा सराहनीय, सकारात्मक व न्यायपूर्ण फैसले करके समाज में उदहारण पेश किए है। जब एक खाप न्याय करती है, तो सोचिए, इस मामले में तो विभिन्न खापें जि मेदारी लेकर पहल कर रही है। यहाँ एक बात और स्पष्ट करनी अनिवार्य है, खाप किसी एक जाति या बिरादरी से संबधित नहीं है, खाप में हर जाति/बिरादरी शामिल होती है।
चौटाला परिवार को एकजुट करने की हमारी इस मुहिम में भी सभी जातियां शामिल है। यह हरियाणा की 36 बिरादरी का प्रयास है। आपके परिवार में सामाजिक व राजनीतिक एकजुटता हरियाणा के किसान-कमेरे व आम आदमी के लिए जरूरी है। हमारे प्रयास जनभावना के अनुसार है और समस्त हरियाणा और लोकतंत्र के हित में है। बिना मत्रबूत विपक्ष के लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती।