प्रवर्तन निदेशालय ने 2013 में पंचकुला क्षेत्र में 14 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में कथित गड़बड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चार सेवानिवृत्त अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया है कि हुड्डा से जुड़े करीबी लोगों के आवेदन को आगे बढ़ाया गया और उन्हें इन भूखंडों के आवंटन किए गए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री (हुड्डा) के जान पहचान वालों को भूखंड आवंटित किए गए।
हरियाणा सतर्कता ब्यूरो ने इन कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2015 में एक मामला दर्ज किया था और इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने भी मामले दर्ज किए। एजेंसी ने हुड्डा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी धर्म पाल सिंह नागल (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हुडा के तत्कालीन प्रमुख प्रशासक), सुरजीत सिंह (हुडा के तत्कालीन प्रशासक), सुभाष चंद्र कंसल (वित्त विभाग के पूर्व नियंत्रक, हुडा), नरेंद्र कुमार सोलंकी (हुडा के फरीदाबाद जोन के पूर्व जोनल प्रशासक) के अलावा भारत भूषण तनेजा (तत्कालीन अधीक्षक, हुडा) और सभी 14 आवंटियों और औद्योगिक भूखंडों के लाभार्थियों के नामों को आरोपपत्र में शामिल किया है।
ईडी ने कहा है कि पंचकुला में विशेष अदालत के सामने धन शोधन रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दाखिल की गई है। ये सभी भूखंड पंचकुला में हैं और इसके आवंटन 2013 में हुए थे। एजेंसी ने कहा है कि जांच में पता चला कि आपराधिक साजिश के कारण हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री हुडा और उनके अध्यक्ष, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और हुडा के अन्य अधिकारियों ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री के जान पहचान वालों को 14 भूखंड आवंटित कर अवैघ तरीके से लाभ पहुंचाया और योग्य आवेदकों को आवंटन नहीं किया गया।