खेत में आग लगाना मां के गर्भ को जलाना : धनखड़ - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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खेत में आग लगाना मां के गर्भ को जलाना : धनखड़

ओम प्रकाश धनखड़ शुक्रवार को एनडीआरआई के मैदान में फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।

करनाल : प्रदेश के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि खेत में आग लगाना मां के गर्भ में आग लगाना है। मां की सेहत को बनाए रखना हर नागरिक का कत्र्तव्य है इसके लिए आज इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी लोगों को संकल्प लेना होगा कि न हम कभी खेत में अवशेषों को जलाएंगे और न जलाने देंगे तभी पर्यावरण को बचाया जा सकता है। कृषि मंत्री शुक्रवार को एनडीआरआई के मैदान में फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि धरती मां है, यह सबका पोषण करती है।

धरती का स्वास्थ्य ठीक होगा तो हमें स्वच्छ भोजन मिलेगा और वातावरण भी साफ-सुथरा रहेगा। उन्होंने कहा कि धरती की सेहत जब अच्छी नहीं होगी तो उनके पुत्र व पुत्रियों की सेहत कैसी अच्छी होगी। उज्ज्वल भविष्य के लिए धरती माता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि अपने खेतों में खाद व दवाईयों का कम से कम प्रयोग करें। इनके अंधाधुध प्रयोग से धरती का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। जिससे न केवल धरती की उर्वरा शक्ति कम हो रही है बल्कि लोगों में कैंसर जैसी बीमारियों से भी ग्रस्त हो रहे हैं। उन्होंने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा का किसान फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाने में अन्य प्रदेशों के किसानों से ज्यादा जागरूक हो चुका है।

अब हरियाणा का किसान पराली को जलाने की बजाय खेत में ही आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से खेतों में ही नष्ट कर रहा है। इतना ही नहीं किसानों ने पराली से जैविक खाद बनाने की भी एक नई शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेषों को खेतों में ही नष्ट करने के लिए कृषि यंत्रों पर 221 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है और प्रदेश में 1129 सीएचसी सैंटर खोले जा चुके हैं। इन सीएचसी के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर 80 प्रतिशत अनुदान और प्रदेश में अब तक 3489 किसानों ने व्यक्तिगत कृषि यंत्र खरीदे हैं।

जिन पर हरियाणा सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान दिया गया है। उन्होंने प्रदेश के किसानों से अनुरोध किया है कि वे हरियाणा सरकार की योजना का लाभ उठाएं और फसल अवशेषों को खेतों में न जलाएं बल्कि वहीं पर उनका निपटान करें। कार्यक्रम में खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने कहा कि खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण दूषित हो रहा है, हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है जिसके कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, यदि पर्यावरण साफ-सुथरा होगा तो लोगों को स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। किसान भाईयों को चाहिए कि वे खेतों में पराली न जलाएं बल्कि खेत में ही उसका प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली के प्रबंधन के लिए इंडियन ऑयल से एमओयू किया है, शीघ्र ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

खेतों में बचे अवशेषों से इंडियन ऑयल द्वारा तेल व अन्य पदार्थ बनाए जाएंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि वे खेतों में अवशेष जलाने का परहेज करें। इस अवसर पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को जागरूक किया गया। अब प्रदेश के किसान पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेवारी बखूबी निभा रहे हैं। जब भी राष्ट्र की ओर से देशहित में कोई भी आह्वान किया जाता है तो सबसे पहले हरियाणा का किसान सबसे आगे आता है। पर्यावरण को बचाना भी स्वस्थ समाज के लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी है।

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– हरीश चावला

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