पंजाब कांग्रेस में जारी कलह अभी थमी नहीं कि हरियाणा इकाई में गुटबाजी की खबरें सामने आने लगी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक विधायक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से कुमारी शैलजा को हटाने की पैरवी कर रहे हैं। वहीं शैलजा के समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल के साथ गुरुवार को हुई बैठक में शामिल 19 विधायकों में ज्यादातर ने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की और हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने की पैरवी की। हुड्डा फिलहाल विधायक दल के नेता हैं। हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं।
विधायकों के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर बंसल ने कहा, ‘‘यह सामान्य बैठक थी। संगठन को लेकर बात हुई है। इसमें किसान आंदोलन और पार्टी को मजबूत करने के बारे में भी बात हुई।’’ हालांकि, हुड्डा के समर्थक एक नेता ने कहा, ‘‘हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है। हमारा मानना है कि हुड्डा जी की अगुवाई में ही भाजपा की सरकार को ज्यादा कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है।’’
उधर, शैलजा समर्थक एक नेता का कहना है, ‘‘नेतृत्व परिवर्तन की मांग कोई नयी नहीं है। लेकिन इस सक्रियता (हुड्डा गुट की) का कारण ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई और जाट राजनीति है। शैलजा जी ने अब तक सभी नेताओं और समूहों के साथ संतुलन बनाकर काम किया है। आगे संगठन बनाने में भी सबकी सुनी जाएगी।’’
कांग्रेस में पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय स्तर पर संगठन का निर्माण भी नहीं हो पाया है। शैलजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ सप्ताह में सभी 22 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो सकती है।