चंडीगढ़ : कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा कांग्रेस की कार्डिनेशन (समन्वय) कमेटी को मंजूरी प्रदान कर दी है। 15 सदस्यीय इस कमेटी की बागडोर दस साल तक मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र हुड्डा के हाथों में ही रहेगी। कांग्रेस हाईकमान ने गुटों में बंटे सभी नेताओं को इस कार्डिनेशन कमेटी का सदस्य बनाया है।
इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने फिफ्टीन इन वन का फार्मूला देते हुए कहा कि अब कांग्रेस दिग्गज उस बस के समान हैं, जिसमें चढते हुए लोग अलग-अलग मगर उतरते हुए एक साथ दिखाई देंगे। हरियाणा कांग्रेस की कार्डिनेशन कमेटी को मंजूरी मिलने के साथ ही यह साफ हो गया कि प्रदेश में हुड्डा ही पार्टी का बड़ा चेहरा होंगे। तीन दिन पहले कार्डिनेशन कमेटी घोषित करने के तुरंत बाद उसे यह कहकर रोक दिया गया था कि सूची पर कांग्रेस महासचिव के वेणुगोपाल के हस्ताक्षर नहीं है।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि हाईकमान चाहता था कि चुनाव, प्रचार और चुनाव प्रबंधन कमेटियों की घोषणा साथ की जाए, लेकिन इन कमेटियों के गठन में थोड़ा समय लग सकता है। लिहाजा तीन दिन पूर्व बनाई गई कार्डिनेशन कमेटी को मान्यता प्रदान कर दी गई है। गुलाम नबी आजाद के अनुसार गुटबाजी खत्म करने की मंशा से प्रदेश में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक कांग्रेस का फार्मूला अपनाया जाएगा। दोनों राज्यों की तरह हरियाणा में तीन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाएंगे। इनके नामों का ऐलान जल्द संभव है। आजाद ने बताया कि कार्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को दिल्ली में बुला ली गई है।
15 सदस्यीय इस कमेटी में छह नेता हुड्डा समर्थक है। इनमें पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व सीपीएस अनिल ठक्कर, विधायक कुलदीप शर्मा और विधायक जयवीर वाल्मीकि शामिल है। इनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कु. सैलजा, कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अजय सिंह यादव, पूर्व सांसद नवीन जिंदल और जयपाल लाली को कार्डिनेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
(आहूजा, राजेश जैन)