हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि आगामी चार वर्षों में फसलों के भंडारण के लिए 31.10 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य ने क्षमता बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से नए गोदाम और स्टील साइलो बनाने का फैसला किया है।
राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग, हैफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम और भारतीय खाद्य निगम केंद्रीय पूल के लिए खाद्यान्न की खरीद करते हैं। इन सभी एजेंसियों के पास करीब 90.74 लाख मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता है। खरीद एजेंसियों द्वारा हर साल लगभग 70 से 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 55 से 65 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जाती है। इसके अलावा, एजेंसियों द्वारा बाजरा और मक्का की भी खरीद की जाती है।
चौटाला ने कहा कि इस रबी सीजन के दौरान, राज्य में भारतीय खाद्य निगम और अन्य एजेंसियों द्वारा 84.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। इस स्टॉक में से 31 जुलाई तक राज्य से 14.64 लाख मीट्रिक टन गेहूं उठा लिया गया है। उन्होंने कहा कि भंडारण क्षमता की कमी के कारण कुछ खाद्यान्न मंडी शेड में रखा गया है। हिसार में 16,632 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि बाकी 24,000 मीट्रिक टन गोदाम प्रक्रियाधीन है। साथ ही हैफेड के 4.41 लाख मीट्रिक टन और हरियाणा राज्य भंडारण निगम के 2.4 लाख मीट्रिक टन के गोदाम भी निमार्णाधीन हैं।
उन्होंने कहा कि रोहतक जिले के नयावास गांव, कैथल जिले के संतोख माजरा गांव, हिसार जिले के हांसी और करनाल में कृषि एवं सिंचाई विभाग की करीब 45 एकड़ जमीन को गोदाम बनाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को ट्रांसफर किया जा रहा है। इन गोदामों की भंडारण क्षमता 1.5 लाख मीट्रिक टन होगी।