चंडीगढ़ : हरियाणा में रोडवेज के लिए प्रति किलोमीटर किराया प्रणाली से निजी बसों को चलाने के राज्य सरकार के फैसले से एक बार फिर पिछली साल की तरह कर्मचारी यूनियनों और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनती दिखाई दे रही है। आगामी छह जनवरी को राज्य सरकार ने करीब चैदह रोडवेज कर्मचारी यूनियनों को इस मुद्दे पर वार्ता के लिए बुलाया है लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को यहां स्पष्ट किया कि प्रति किलोमीटर स्कीम को वापस नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने भी इसके लिए अनुमति दी है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता में यह ऐलान किया। इसके साथ ही समझा जा सकता है कि आगामी छह जनवरी को होने वाली वार्ता में क्या नतीजा निकलेगा। प्रति किलोमीटर स्कीम का विरोध कर रहीं 14 रोडवेज कर्मचारी यूनियनों के साथ छह जनवरी को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तीन चरणों में अलग-अलग वार्तां करेंगे।
उधर रोडवेज कर्मचारी यूनियनें अभी तक सात और आठ जनवरी को चक्काजाम पर अड़ी हैं। दूसरी ओर रोडवेज कर्मचारी यूनियनें आपस में भी उलझी हुई हैं। इसका फायदा उठाते हुए परिवहन निदेशालय ने संभावित हड़ताल से निपटने की रणनीति में पहले चार कर्मचारी यूनियनों को वार्ता के लिए बुलाया है तो दूसरे चरण में दो और फिर तीसरे चरण में आठ कर्मचारी यूनियनों को बातचीत के लिए बुलाया है।
परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सेक्टर.17 स्थित मुख्यालय में सबसे पहले एससी इंप्लाइज संघर्ष समिति, हरियाणा रोडवेज चालक संघ, हरियाणा सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ तथा भारतीय मजदूर संघ से संबंधित हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ के दो.दो पदाधिकारियों से वार्ता करेंगे। मजदूर संघ को सरकार समर्थित माना जाता है।सुबह 11 बजे रोडवेज मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन तथा रोडवेज वर्कर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ वार्ता रखी गई है।
दोपहर साढ़े बारह बजे परिवहन अधिकारी महासंघ से जुड़ी हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन, संयुक्त कर्मचारी संघ फतेहाबाद, रोडवेज वर्कर्स यूनियन इंटकए रोडवेज वर्कर्स यूनियन फतेहाबाद, रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबद्ध महासंघ, रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ फतेहाबाद, रोडवेज वर्कर्स यूनियन इंटक दिल्ली व रोडवेज वर्कर्स यूनियन फतेहाबाद के दो.दो पदाधिकारियों को बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को छोड़कर सभी राज्यों में किलोमीटर स्कीम चल रही है। अगर रोडवेज कर्मचारी हड़ताल करते हैं तो आम जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है। उन्होंने दावा किया कि रोडवेज कर्मियों को बातचीत के माध्यम से समझा लिया जाएगा।