कैथल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसान हित में उठाए गए विभिन्न कदमों के फलस्वरूप आज प्रदेश का किसान खाद, बीज और सिंचाई के पानी की उपलब्धता के लिए पूरी तरह से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि जहां पिछली सरकार में खाद पुलिस के पैहरे में बांटा जाता था। आज प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता के कारण अब किसान आगे-आगे और खाद पीछे-पीछे है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने दो दिन के कैथल प्रवास के दूसरे दिन स्थानीय आरकेएसडी कालेज में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि जोखिम भरा काम था, जिसे सरकार द्वारा जोखिम फ्री करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसल खराब होने की स्थिति में जहां मुआवजा देने का प्रावधान है, वहीं औसत से कम उत्पादन की स्थिति में भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की मंडियों में किसान की फसल खरीद के लिए इतनी सुविधाएं जुटाई गई हैं कि दूसरे प्रदेशों के किसान भी हरियाणा की मंडियों में फसल बेचने के लिए लालायित रहते हैं। फसलों का भुगतान समय पर होने के साथ-साथ उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश की 54 मंडियों ऑनलाईन की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हिसार में हरियाणा एग्रो बिजनेस ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त करनाल में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय स्थापित होने से बागवानी के क्षेत्र में किसानों को नई-नई तकनीक व बागवानी को बढ़ावा देने का पूरा मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा किसान अन्य प्रदेशों से खुशहाल है, क्योंकि सिंचाई, गन्ने के भाव, फसल खरीद में किसी भी स्तर पर कोई परेशानी नही है। शुन्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा खेती से जुड़े अन्य व्यवसायों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसमें मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन, मछली पालन, खूंबी उत्पादन शामिल हैं। मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को 2400 करोड़ रुपए मुआवजा राशि के रूप में वितरित किए हैं, जबकि पिछले 48 वर्षों के दौरान भी इतनी राशि किसानों को मुआवजे के रूप में नहीं दी गई।
सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सॉयल हैल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, पर परागत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार जैसी नई स्कीमें शुरू की गई हैं। उन्होंने देश में लागू किए जा रहे जीएसटी एक सुधार है, जिससे वित्तीय स्थिरता लाने में मदद मिलेगी। हमनें एक भारत, एक ग्रिड और एक कीमत पर काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
(मनोज वर्मा)