पेगासस जासूसी विवाद का मुद्दा इस समय संसद से सड़क तक चर्चा का विषय बना हुआ है। जासूसी को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार पर हमलावर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर उन ताकतों से हाथ मिलाने का आरोप लगाया जो भारत की छवि खराब करना चाहते हैं।
हरियाणा सीएम ने दावा किया कि इस मामले से सरकार को जोड़ने का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने इस कहानी के पीछे इन लोगों की साख पर भी सवाल उठाया और आरोप लगाया कि ‘‘हर कोई उनके झुकाव को जानता है।’’ उन्होंने एमनेस्टी इंटरनेशनल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि संगठन का एजेंडा, ‘‘जो अपने वित्त पोषण के स्रोत का खुलासा करने में विफल रहा था, सर्वविदित है।’’
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मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ये नेता उन ताकतों से हाथ मिला रहे हैं जो भारत की छवि खराब करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ऐसे खेल खेलने से बचना चाहिए जिससे दुनिया की नजरों में देश की छवि खराब हो… आज भारत दुनिया में एक मुकाम पर पहुंच गया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार की नीतियों के कारण है। उन्होंने जिस तरह से विवाद खड़ा किया है, हम उसकी निंदा करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस विवाद को एक साजिश के तहत उठाकर, वे देश की प्रतिष्ठा पर व्यवस्थित हमला करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरा विवाद संसद को बाधित करने और आधारहीन एजेंडा बनाने का है।’’
उन्होंने दावा किया कि हर कोई जानता है कि 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार किन परिस्थितियों में गिर गई थी, जब कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी में 10 जनपथ में अपने नेता के आवास के बाहर दो खुफिया गुप्तचरों को देखे जाने के विवाद के मद्देनजर समर्थन वापस लेने का फैसला किया था।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह खुलासा हुआ है कि पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान करीब 9,000 फोन की निगरानी की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का हमेशा से लक्ष्य रहा है कि जब देश में कुछ अच्छी चीजें हो रही होती है, तो वह इन चीजों को पटरी से उतारने के लिए कुछ ताकतों से हाथ मिलाती है।’’
खट्टर ने कहा, ‘‘वे सरकार चलाने में बाधा नहीं पैदा कर रहे हैं, बल्कि देश की प्रगति में बाधा डाल रहे हैं। कांग्रेस के काले काम देश में कभी सफल नहीं होंगे।’’ इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि पेगासस सॉफ्टवेयर/स्पाइवेयर केवल सरकार को बेचा जाता है, खट्टर ने कहा, “नहीं, निजी एजेंसियां भी उनसे इसे खरीदती हैं। अब, हो सकता है कि निजी एजेंसियां इसे उनसे निजी तौर पर लें और घोषित न करें।’’
गौरतलब है कि यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया कि इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों।