कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हूडा ने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर जम कर हमला बोला और कोविड महामारी के दौरान राजनीति में शमिल रहने के आरोपों को खारिज कर दिया। खट्टर ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार जिस प्रकार काम कर रही है उसमें सहयोग देने के बजाए कांग्रेस नेता का रवैया केवल आलोचनात्मक है। इसके बाद हूडा का यह बयान आया है।
खट्टर ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मैने सोचा कि उनका पत्र जवाब देने के लायक भी नहीं है, मैने उसकी अनदेखी की। इसका एक कारण है, वह सहायता करने की अपेक्षा और अधिक राजनीति करना चाहते हैं। हूडा ने खट्टर पर हमला बोलते हुए कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है और उन्होंने महामारी से लड़ाई में सरकार का पूरा समर्थन करने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि लेकिन विपक्ष का नेता होने के नाते जनता की समस्या को उठाना और उससे सरकार को अवगत करवाना भी मेरी जिम्मेदारी है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से आते हैं और राष्ट्रहित, प्राकृतिक आपदा एवं महामारी के मामले में वह कभी राजनीति नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि जब अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने मसला उठा तो मैं समर्थन में खड़ा था जब (इस निर्णय का स्वागत करने के लिये) हरियाणा विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ। टीकाकरण को वायरस के खिलाफ सबसे बड़ी सुरक्षा करार देते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण अभियान में तेजी लाई जानी चाहिए।
खट्टर को आड़े हाथों लेते हुए, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री टीकों को नियंत्रित करने की बात कर रहे हैं। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि कल केवल 30 हजार खुराक दी गई और हिसार, नुह, सिरसा एवं चरखी दादरी जैसे कुछ जिलों में कुछ ही खुराक दी गई। इस गति से राज्य के सभी पात्र लोगों को टीका लगने में कई महीने लगेंगे। इसलिए इस प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों की समस्याओं को देख कर उन्हें दर्द होता है।