चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र को देश की सुरक्षा पर क्रूरतम प्रहार करार देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबां बोल रहे हैं। अफस्पा हटाने का वायदा कर कांग्रेस ने जहां सेना के अधिकारों पर शिकंजा कसने का नापाक सपना देखा है, जिससे कांगे्रस का आतंकवाद समर्थित चेहरा अब बेनकाब हो गया है।
मंगलवार दोपहर चंडीगढ़ में प्रदेश पार्टी कार्यालय परिसर में पूर्व विधायक हरिराम वाल्मीकि एवं राजेंद्र बीसला के भाजपा में आस्था जताने के अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में देश के सामने दो विचारधारा हैं, जिसमें एक विचारधारा के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जो गरीब कल्याण वाली सरकार, विकास के रास्ते पर मजबूती के आगे बढने वाली सरकार, देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्ष पुख्ता करने वाली सरकार दे रहे हैं।
दूसरी विचारधारा उन लोगों की है, जो देश की अखंडता की कीमत पर सरकार बनाने के लिए लालायित हैं। कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार सेना के शौर्य एवं जवानों की शहादत का अपमान करती आई है और घोषणापत्र से कांग्रेस उसी फेहरिश्त में एक कदम ओर नीचे गिर गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अफस्पा हटाने का वायदा कर सेना के मनोबल को गिराने का सपना देखा है, जिसे हर्गिज साकार नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आज वह पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबां बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि समय आ गया है, जब देश की जनता भली-भांति समझे कि जवानों के अधिकारों पर कुठाराघात, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर चुप्पी साधना आतंकवादियों, अलगाववादियों, पाक प्रधानमंत्री और कांग्रेस का घोषणापत्र एक ही भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस के झूठे वायदे करने के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2004 में घर-घर बिजली पहुंचाने वाली कांग्रेस वर्ष 2009 व वर्ष 2014 में भी उसी वायदे पर खडी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल के दौरान इस काम को पूरा करके दिखा दिया। इसी प्रकार कांग्रेस ने किसानों का लाभ देने, जवानों को वन रैंक-वन पेंशन, जनता के मध्य अपने कामों का लेखा-जोखा रखने, सुरक्षा जरूरतों पर पुख्ता कदम उठाने, स्वास्थ्य सुरक्षा देने जैसे कितने ही वायदे कांगे्रस के घोषणापत्र की अधूरी सच्चाई को बयां करने के लिए काफी हैं।