गुरुग्राम : गुरुग्राम में तीन दिन पहले गिरफ्तार अपने आप को डीसीपी बताने वाले संदीप शर्मा के बहुत से कारनामे सामने आ रहे हैं। सबसे पहले जांच का विषय यह है कि आखिर संदीप शर्मा को सुरक्षा किस आधार पर दी गई थी। उसे सुरक्षा देने के सिफारिश किसने की। इसके साथ ही वह सुरक्षा लेकर जब शहर में घूमता था तो उसे गुरुग्राम में बैठी सुरक्षा एंजेसियों और आला पुलिस अधिकारियों ने क्यों नहीं टोका। क्या सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस अधिकारी सो रहे थे या फिर संदीप का इतना खौफ था कि वह उसके सामने कुछ बोलने की हिम्मत ही नहीं रखते थे।
फर्जी आईपीएस बनकर रौब झाड़ते हुए लोगों से मारपीट करने वाले संदीप शर्मा ने अपने रहन-सहन व झूठे प्रोफाइल से कई बड़ी हस्तियों से दोस्ती कर ली थी। सोशल मीडिया फेसबुक पर उसके कई आईएएस, आईपीएस अधिकारी व राजनेता दोस्त हैं। गुरुग्राम के नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव, हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया, कांग्रेस नेता जितेंद्र भारद्वाज, आरएसएस हरियाणा के बड़े नेता, हरियाणा के करीब दर्जन एसीपी व पुलिस इंस्पेक्टर उनके दोस्तों की लिस्ट में शामिल हैं।
हिसार का मूल निवासी संदीप शर्मा काफी समय से खुद को आईपीएस बताता था। वह गुरुग्राम में ही खुद को डीसीपी बताकर आए दिन सोसायटी के गार्डों के साथ मारपीट कर गालियां देता था। यही नहीं संदीप शर्मा को गुरुग्राम पुलिस ने सिक्योरिटी भी दे रखी थी। अब संदीप के साथ कौन से पुलिस अधिकारियो ने दोस्ती गांठकर कहां-कहां गलत काम करवाएं हैंै यह राज संदीप का पुराना ड्राईवर खोल सकता है। उसके ड्राईवर को सोमवार को पुलिस पूछताछ के लिए लाया जा रहा है।
रात के समय करता था झगड़े
पुलिस के अनुसार संदीप झगड़े अधिकतर वह रात के समय करता था। इतना ही नहीं एंबियंस मॉल में भी वह कई बार अपना रौब झाड़कर हंगामा कर चुका था। इस केस में पुलिस जब उसे पकडऩे एंबियंस म7ॉल के पीछे कैटरीना सोसायटी गई तो वहां के सिक्योरिटी गार्ड भी आरोप लगाने लगे। चार गार्डों ने रात को ही पुलिस को बयान दर्ज करा दिए। जबकि अन्य भी जल्द ही पुलिस को बयान दर्ज कराएंगे।
दिल्ली पुलिस के सिपाही से की थी मारपीट
फर्जी आईपीएस ने इसी रौब में गुरुवार अलसुबह करीब 4 बजे एंबियंस मॉल के बाहर दिल्ली पुलिस के सिपाही अंकित के साथ भी मारपीट की। शराब के नशे में धुत होकर वह अपने साथी के साथ पहुंचा था। अपने एक अन्य साथी के साथ उसने डंडे से सिपाही को पीटा और जबरन अपहरण करने व लूटपाट का भी प्रयास किया। सिपाही का आई कार्ड भी फर्जी आईपीएस ने छीन लिया।
आरोपी से की जा रही पूछताछ
डीएलएफ फेज-3 थाना एसएचओ इंस्पेक्टर रामकुमार ने बताया कि शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर देर रात आरोपित को अरेस्ट किया गया। उससे पूछताछ कर दूसरे आरोपित की तलाश चल रही है। अन्य केसों का भी पता लगाया जा रहा है कि फर्जी आईपीएस बनकर इसने अन्य कोई वारदात तो नहीं की।
गुरुग्राम में मिलते रहे हैं फर्जी अधिकारी
गुरग्राम में फर्जी अधिकारी मिलने का यह पहला केस नहीं है। इससे पहले भी गुडग़ांव में कई फर्जी अधिकारी पाए गए हैं, जो बड़े अधिकारियों तक को चूना लगा चुके हैं। करीब 5 साल पहले गुडग़ांव में एक फर्जी जज भी पकड़ा गया था। फर्जी जज के कई आईपीएस अधिकारियों से भी अच्छे संबंध रहे थे। लेकिन गुरुग्राम पुलिस ने लंबे समय के बाद एक और फर्जी अधिकारी को अपने शिकंजे में लिया है, जिससे कई बड़ी वारदातें और अन्य फर्जीवाड़े सामने आ सकते है।
– सतबीर भारद्वाज