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पीजीआई में शिशु विभाग के चिकित्सक ने की आत्महत्या

उच्च चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस रोहतक में एक डॉक्टर के आत्मघाती कदम से शुक्रवार सुबह प्रशिक्षु और अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं।

रोहतक : विवादों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले उच्च चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस रोहतक में एक डॉक्टर के आत्मघाती कदम से शुक्रवार सुबह प्रशिक्षु और अन्य डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। हड़ताली अपने सहपाठी डॉक्टर ओंकार के आत्महत्या करने से आहत हैं। संस्थान में जमकर हंगामा हुआ है। सहपाठी के जान देने से आहत युवाओं ने शिशु रोग विभाग की एचओडी डॉ. गीता गठवाल के आवास को घेरकर तोडफ़ोड़ की। एचओडी और वीसी ओपी कालरा के खिलाफ नारे लगाए। इन लोगों ने इसके लिए गठवाल को जिम्मेदार ठहराया है। 
हालात बिगड़ने पर पुलिस ने एचओडी गीता गठवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। डॉ. ओंकार कर्नाटक के रहने वाले थे। वह शिशु रोग विभाग से एमडी कर रहे थे। मगर तीसरा वर्ष पूरा होने से पहले ही गुरुवार देररात ओमकार ने अपने रूम में फंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। सुबह इसकी भनक मिलते ही गुस्साये सहपाठियों, प्रशिक्षुओं और पीजी कर रहे डॉक्टरों ने हडताल की घोषणा कर परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान यह लोग एचओडी डॉ. गठवाल के आवास के पास पहुंच गए। हंगामा कर रही भीड़ ने आवास पर तोडफोफ की। 
इस दौरान एचओडी और वीसी के खिलाफ काफी देरतक नारेबाजी की गई। असहाय संस्थान प्रशासन को आखिर में पुलिस बुलानी पडी। हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि डॉ. ओंकार एचओडी डॉ. गीता गठवाल की यातनाओं से तनाव में रहते थे। इसलिए उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गम में डूबे सहपाठियों ने बताया कि ओंकार की बहन की दो दिन पहले शादी हुई है। एचओडी ने उन्हें घर जाने की छुट्टी नहीं दी। इसकी वजह से वह ज्यादा परेशान थे। सहपाठियों ने बताया कि ओंकार ने अपनी बहन को भेंट करने के लिए चुन्नी खरीदी थी। 
उसी चुन्नी का फंदा लगाकर खुद को खत्म कर लिया। हडताली डाक्टरों का कहना है कि संस्थान में दो साल पहले एक नवजात की मौत हो गई थी। तब भी एचओडी ने डॉ ओमकार को ही दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। ओंकार पर समय से पहले थीसिस जमा करने का दवाब बना रही थीं। हडताली डाक्टरों का कहना है कि जब तक एचओडी डॉ. गीता गठवाल के खिलाफ कारवाई नहीं होती है उनकी हडताल जारी रहेगी। हड़ताल की वजह से इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर की स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा असर पड़ा है। 
दूरदराज से आए मरीजों और उनके सहायकों को भारी परेशानी का सामना करना पडा। रेजिडेंट डाक्टरों की हडताल को देखते हुए पीजीआई प्रबंधन आपात बैठक बुलाई और वरिष्ठ डाक्टरों को डूयटियां सौंपी। इस बारे में पीजीआई के कुलपति डॉ. ओपी कालरा का कहना है कि डाक्टर द्वारा आत्महत्या करने को लेकर बहुत दुख है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है। जो दोषी होगा उसके खिलाफ कडी कारवाई की जाएगी।
(मनमोहन कथूरिया) 

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