झज्जर : आईएनएलडी द्वारा गोहाना में रखी गई 25 सितम्बर की रैली को स्थगित कर उसे सात अक्टूबर किए जाने को कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने पारिवारिक कलह करार दिया है। उन्होंने कहा है कि सच्चाई तो यह है कि यह रैली बरसात की वजह से नहीं बल्कि चाचा-भतीजे में छिड़े राजनीतिक द्वंद की वजह से ही स्थगित हुई है। अशोक तंवर मंगलवार को झज्जर की सर छोटूराम धर्मशाला में कार्यकर्ताओं व बार एसोसिएशन में वकीलों को सम्बोधित करने के बाद मीडिया से मुखातिब हो रहे थे। यहां आयोजित प्रैसवार्ता में डा. तंवर ने कहा कि इनलो एक तरह से दो फाड़ होने के कगार पर है और यह केवल चाचा-भतीजे में छिड़ी राजनीतिक लड़ाई की वजह से हो रहा है।
इस बात को एक तरह से प्रमाणिकता करार देते हुए तंवर ने कहा कि इनेलो की गोहाना रैली के उन्होंने जीटी रोड़ पर व सिरसा क्षेत्र में लगे जिस पोस्टर चाचा होते थे उसमें भतीजा गायब होता था और जिसमें भतीजा होता था उसमें चाचा गायब मिलते थे। तंवर ने यहां कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की 30 सितम्बर को पानीपत में होने वाली हल्ला बोल-पोल खोल रैली का भी निमन्त्रण दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह रैली प्रदेश की सत्ता की चूलें हिला कर रख देगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रयास है कि सत्ता के दौरान कांग्रेस जिस सरजमी पर रैली कर बैठ गई थी वहीं से कांग्रेस को इस तरह उठाया जाए जिससे की पूरे हरियाणा के अलावा पूरे देश में कांग्रेस की लहर बन जाए। इस मौके पर उन्होंने सीएम मनोहर लाल खट्टर भी निशाना साधा।
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उन्होंने कहा कि जीटी रोड़ पर कांग्रेस की 30 सितम्बर को होने वाली रैली के पोस्टर व बैनर लगे हुए थे। लेकिन उन्हीं पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीएम ने उन्हें उतरवा फैंका। तंवर ने कहा कि सीएम यदि कुछ करना ही चाहते है तो वह महंगाई को कम करे, भ्रष्टाचार को कम करे और आम आदमी को राहत प्रदान करने का काम करे। पोस्टर हटवाने से उन्हें कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। उन्होंने आगामी विस चुनाव में हरियाणा के अन्दर कांग्रेस द्वारा नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की भी बात कही। इस मौके पर उनके साथ कांग्रेस नेता कुलताज सिंह, राज सिंह पहलवान, राजीव कटारिया, महाबीर कटारिया भी उपस्थित थे।
(विनीत ,संजय)