रोहतक अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 19 मार्च को हुए सरकार के साथ समझौते को लागू नहीं किया तो मार्च 2018 में सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई होगी। समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने साफ कहा कि इस बार आंदोलन लम्बा नहीं चलेगा, बल्कि दिल्ली की तरफ ट्रैक्टर-ट्रालियों का मुंह मोड देंगे। उन्होंने कहा कि यहीं नहीं सरकार के किसी भी मंत्री व विधायक को गांव में नहीं घुसने देंगे। मुख्यमंत्री को चंडीगढ़ से ही अपनी सरकार चलानी पडेगी। संघर्ष समिति ने केन्द्रीय ईस्पात मंत्री बीरेन्द्र सिंह के सामने ही आंदोलन की घोषणा की। रैली में बड़े स्तर पर करौथा आश्रम के संचालक रामपाल के अनुयायियों ने शिरक्त की और संस्थान के लिए 15 लाख रूपये अनुदान दिया।
रविवार को गांव जसिया में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की हुई रैली में आठ प्रस्तावों को मंजूरी दी। जिनमें मुख्य रूप से सरकार को 31 मार्च 2018 तक का अल्टीमेटम दिया है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 19 मार्च 2017 को हुए समझौते कि सभी मांगों की समीक्षा करने व भविष्य में आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए तीन दिसंबर को राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी। मलिक ने कहा कि सरकार के साथ छह मांगों पर समझौता हुआ था, लेकिन कई मांगें आज भी लंबित है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2017 तक सरकार सभी कारवाई पूरी कर प्रदेश स्तर पर आरक्षण दे।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह के सामने ही ऐलान किया कि या तो मुख्यमंत्री समझा दे, अन्यथा किसी भी गांव में सरकार के मंत्री व विधायक में घुसने नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने वितमंत्री कैप्टन अभिमन्यु पर भी निशाना साधा और कहा कि अब तो पिछले 26 दिनों से वितमंत्री रोहतक नहीं आए है और आगे भी उन्हें किसी गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। रैली से पहले दीनबंधु छोटूराम प्रतियोगिता परीक्षा एवं कौशल विकास संस्थान की नींव रखी गई, जिसका काम जनवरी 2018 से शुरू कर दिया जाएगा।
(मनमोहन कथूरिया)