पसंदीदा चुनाव चिन्ह न मिलने पर जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। जजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी को चुनाव आयोग ने हालांकि मान्यता प्रदान कर दी है लेकिन उसे दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए ‘चाबी‘ चुनाव चिन्ह आवंटित करने पर असमर्थता जाहिर की क्योंकि इसे किसी अन्य दल ने गत सितम्बर में ही रिजर्व करा लिया है।
उन्होंने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गत सोमवार को भी आयोग से मिले थे और पार्टी को चाबी की जगह दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए ‘चप्पल‘ या ‘कप प्लेट‘ चुनाव चिन्ह आवंटित करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें बताया गया कि ये भी किन्हीं दो अन्य दलों से रिजर्व करा लिए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकारिणी ने जजपा सुप्रीमो अजय सिंह चौटाला से विचार विमर्श करने के बाद उपरोक्त परिस्थितियों में दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है।
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उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नवनियुक्त अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उनसे दो बार सम्पर्क कर हरियाणा की तर्ज पर दिल्ली में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन करने की पेशकश कर चुनाव में उन ताकतों को मुंहतोड़ जबाव देने की बात कही है जो नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के नाम पर दिल्ली का नुकसान करने पर तुली हुई हैं। उन्होंने अलबत्ता एक सवाल पर कहा कि पार्टी बीजेपी की मांग पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करेगी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सीएए को लेकर जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और अन्य जगहों पर चल रहे आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि इनमें कुछ ऐसी ताकतें काम कर रही है जो देश के संविधान को कमजोर करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सीएए को पढ़ है उन्हें समझ आ गया है कि यह कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता और केवल पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया है। लेकिन कुछ ताकतें इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर अराजकता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रही हैं।
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हरियाणा में बीजेपी-जजपा गठबंधन सरकार के कामकाज को लेकर उन्होंने कहा कि इसने गत 80 दिन के अपने शासनकाल में अनेक ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए हैं जो पिछली सरकारें नहीं ले पाईं। इनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 25 रूपये की वृद्धि, राज्य में नौकरियों में 75 प्रतिशत तक आरक्षण तथा गांवों से शराब के ठेकों को बाहर करना शामिल है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य की 704 पंचायतों ने गांवों के अंदर शराब के ठेके नहीं खोलने के बारे में सरकार को लिखा है।
बीजेपी-जजपा गठबंधन सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर सवाल पर जजपा नेता ने कहा कि उपरोक्त निर्णय दोनों दलों ने आपसी समझ और राय मश्विरे से ही लिए हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के शासन में अक्तूबर-दिसम्बर 2019 तिमाही में राज्य के जीएसटी राजस्व में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो उसके बेहतर कामकाज करने का नतीजा है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के विकास, जनता की समस्याओं का समाधान कर उसकी भलाई के लिए कटिबद्ध है।