रोहतक : कनीना बहुचर्चित गैंगरेप मामले में पीड़िता ने परिजनों के साथ महिला आयोग की अध्यक्षा से मिलकर शस्त्र लाइसेंस बनवाने की मांग की है। साथ ही पीड़िता ने कहा कि वह और उसका परिवार हर समय दहशत में रहता है। परिजनों ने भी आयोग की अध्यक्षा को बताया कि उन पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
जिसपर आयोग की अध्यक्षा ने उन्हें भरोसा दिलाया और कहा कि डरने की जरुरत नहीं है और वह शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस महानिदेशक को संतुति पत्र भेजेंगे। इसके अलावा पीड़िता ने आगे की पढ़ाई को लेकर भी दिक्कत बताई और रेवाड़ी से अपना माइग्रेशन दूसरे जिले में करवाने को कहा। इस वक्त पीड़िता बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है और वह पहले 12 वीं में टॉपर रह चुकी है। हालांकि इस मामले में सभी आरोपी जेल में और पीड़िता व परिजनों को सरकार ने सुरक्षा मुहैया करवा रखी है।
इस बारे में महिला आयोग की अध्यक्षा का कहना है कि आयोग व सरकार हरसंभव उसकी मदद करेगी और उसके माइग्रेशन के लिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा। रविवार को कनीना गैंग रेप की पीडि़ता अपने परिजनों के साथ रोहतक पहुंची और उसने महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन से उनके आवास पर मुलाकात की। पीड़िता ने आयोग की अध्यक्षा के सामने बताया कि उसे पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही है और उसे अभी भी वह मंजर याद आ जाता है।
पीड़िता ने बताया कि सरकार की तरफ से सुरक्षा मिली हुई है, लेकिन फिर भी डर बना रहता है। पीड़िता ने बताया कि उसे शस्त्र लाइसेंस दिया जाए, ताकि जरुरत पड़ने पर वह अपनी सुरक्षा खुद भी कर सकें। परिजन भी काफी परेशान दिखे और उन्होंने बताया कि समाज में लोग उन्हें अब अलग तरह से देखते है, लेकिन वह अपनी बेटी के हौसलें को लेकर हर वक्त भरोसा दिलाते है कि वह किसी प्रकार की दिक्कत नहीं माने, पूरा परिवार उसके साथ खड़ा है। पीड़िता ने बताया कि वह पहले की तरह टॉप करना चाहती है, इसके लिए वह रेवाड़ी से किसी अन्य जिले में पढ़ना चाहती है, जिसके चलते उसका रेवाड़ी से दूसरे जिले में माइग्रेशन करवाया जाए।
जिस पर आयोग की अध्यक्षा प्रतिभा सुमन ने ने कहा कि इस बारे में भी कारवाई की जाएगी। उन्होंने पीड़िता व परिजनों को पूरा भरोसा दिलाया और कहा कि सरकार हरसंभव सहायता के लिए तैयार है। दरअसल सितंबर माह में बारहवीं कक्षा की एक छात्रा के साथ तीन युवकों ने अपहरण के बाद गैंग रेप किया था। मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि पुलिस अधीक्षक तक का तबादला तक किया गया था और कुछ पुलिसकर्मियों को निलबिंत कर दिया गया था।
(मनमोहन कथूरिया)