पंचकूला : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खाप पंचायतों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि एक ही गोत्र के लोगों के बीच विवाह नहीं करने का वैज्ञानिक समर्थन भी है। कहा- आज हमारे यहां खाप पंचायत को बदनाम किया जा रहा है। खट्टर यहां पंचकूला स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
हरियाणा में जाति या समुदाय के संगठन रीति-रिवाजों और परंपराओं का अनुपालन नहीं करने पर कठोर सजा सुनाते हैं। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा के बहुत से जिलों में सगोत्र में शादी नहीं करने की मान्यता है। हालांकि संवैधानिक तौर पर कुछ चीजों का टकराव जरूर दिखता है। उस पर हमें जन जागरण करना पड़ेगा।
गांव में शादी न करने का मकसद भाइचारा बनाए रखना
सीएम ने कहा- बहुत से विरोधाभासी विचार इसमें आते रहे, लेकिन खाप का एक सूत्र जो मुझे ध्यान में आया। वह ये है कि एक गांव के अंदर सहगोत्र विवाह नहीं होना चाहिए। यह वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध हो चुका है कि सगोत्र विवाह नहीं होना चाहिए। गांव के गांव में शादी न करें।
इसका अर्थ है कि गांव के अंदर यह शिक्षा दी जाती है कि बच्चों में भाई-बहन का भाइचारा बना रहे। गुजरात एक ऐसा प्रदेश है जहां प्रत्येक लड़की के नाम के आगे बहन और लड़के के नाम के आगे भाई लगाया जाता है। यह उनकी अपनी संस्कृति है।
क्या है खाप पंचायत
गांव में पंचायतों की तर्ज पर हरियाणा में खाप पंचायतों का गठन हुआ है। बस फर्क इतना है कि गांव की पंचायत का हिस्सा गांव के लोग होते हैं लेकिन खाप पंचायत किसी धर्म, जाति, समुदाय, गोत्र की होती है। खाप पंचायत में उसी समूह के लोग हिस्सा लेते हैं।
खाप पंचायतों की अगुआई उसी जाति, धर्म, समुदाय या गोत्र के लोगों में से चुना गया मुखिया करता है। पंचायतों की तर्ज पर खाप पंचायत उस विशेष समूह के लिए फैसले करते हैं। हरियाणा में जाट समाज में अलग-अलग गोत्र की खाप पंचायतें हैं।