हरियाणा कांग्रेस प्रमुख भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गुलाम नबी आज़ाद से मुलाकात कुमारी शैलजा को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने उनके खिलाफ एक्शन की मांग कर दी। शैलजा ने प्रदेश प्रभारी से इसकी शिकायत करते हुए पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने प्रदेश प्रभारी से कहा कि हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए।
कुमार शैलजा ने हाईकमान से मांग की है कि हुड्डा ने आजाद से ऐसे वक्त में मुलाकात की है, जब वह राहुल गांधी पर हमले बोलकर अलग हुए हैं। इसके अलावा वह अपनी ही अलग पार्टी भी लॉन्च करने जा रहे हैं। कुमारी शैलजा की ओर से हुड्डा पर सवाल उठाने से हरियाणा कांग्रेस में भी टकराव तेज हो गया है।
बता दें कि कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर ही हाईकमान ने हु़्ड्डा के करीबी उदयभान को जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद भी हुड्डा की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात ने हरियाणा में पार्टी की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि हाईकमान की ओर से हुड्डा पर कुछ एक्शन भी लिया जा सकता है।
आजाद के इस्तीफे के बाद चार बड़े नेताओं की मुलाकात
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के तीन प्रमुख नेता आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण ने मुलाकात की थी। इन तीन नेताओं ने आजाद से मुलाकात के दौरान उनके त्यागपत्र के कारणों एवं परिस्थितियों को लेकर चर्चा की।
आजाद के इस्तीफा देने के बाद चारों नेताओं ने एक साथ पहली बार बैठक की है। गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और 21 अन्य कांग्रेस नेताओं ने अगस्त, 2020 में बैठक कर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने पार्टी को फिर से मज़बूत करने के लिये कई मांग की थी जिनमें संगठन के चुनाव कराने और सक्रिय नेतृत्व की मांग प्रमुख थीं। उनके इस पत्र को कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती के रूप में देखा गया।