चंडीगढ़ : पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान चर्चा में आए मानेसर जमीन घोटाले में बृहस्पतिवार को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट में लगाए गए आरोपों पर बहस शुरू हो गई। इस बहस के चलते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व आईएएस एम.एल.तायल व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।
क्या है मानेसर जमीन घोटाला: हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों द्वारा हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का डर दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीदी थी।
हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है। सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने हुड्डा सहित अन्य 34 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था।
आरोपियों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, छतर सिंह, एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सिंह व कई बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था।
ढिल्लों व जसवंत सिंह की याचिका पर नहीं हुई सुनवाई : मानेसर लैंड स्कैम मामले में आज पंचकूला स्थित सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ,एम एल तायल व अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए।
आरोपी एसएस ढिल्लों और जसवंत सिंह के वकील द्वारा सीबीआई कोर्ट में डिस्चार्ज को लेकर लगाई गई याचिका पर आज सुनवाई नहीं हुई क्योंकि दोनों आरोपियों के वकील आज कोर्ट में पेश नहीं हो पाए, इस पर भी अगली सुनवाई में फैसला हो सकता है।
मानेसर जमीन घोटाले में बचाव पक्ष के वकील एसपीएस परमार ने बताया कि आज इस मामले में चार्ज पर बहस शुरू हुई है और अगली सुनवाई के दौरान भी चार्ज पर बहस जारी रहेगी।
(आहूजा)