बहादुरगढ़ : हरियाणा की बीजेपी-जजपा गठबंधन सरकार की बागडोर ऐसे तीन नेताओं के हाथ है जो सरकार के रथ को अपनी-अपनी दिशा में खीच रहे हैं और उनकी इस खीचतान के बीच किसी भी वक्त सरकार धड़ाम से गिर जाएगी क्योंकि तीनों नेताओ में तीन माह में ही इतने ज्यादामतभेद बन गए कि गठबंधन की सरकार उनके अपने ही बौझ से गिर जाएगी। गठबंधन की सरकार एक दूसरे के प्रति विश्वास और सम्मान से चलती हे मगर इस सरकार में शामिल दोनों पार्टियों के बीच आपस में जबरदस्त मतभेद उजागर हो रहे है।
बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज के बीच हमेशा से ही 36 का आंकडा है। पिछले सरकार में भी उनके बीच कई बार जबरदस्त मतभेद बने मगर जैसे तैसे करके सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया मगर इस बार तो तीन महीने में ही तीन बार मतभेद सामने आ चुके है जबकि जजपा के बीच मतभेद की कई बार दिखाई दे चुके हैं। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत के देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला को अपना दादा बनाने की बजाय रामकुमार गौतम को दादा बनाया और रामकुमार गौतम जो बोले वह सभी ने सुना सरकार में न तो एक दूसरे के प्रति विश्वास है और न ही सम्मान बल्कि सारा विवाद लूट का है। मतभेद का कारण भी लूट है।
जिस सरकार में आपसी मतभेद तीन महीने में हाईकमान तक पहुंच गए हो उस सरकार का भविष्य कैसे होगा इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है क्योंकि पांच साल का समय बहुत लम्बा है और तीनों नेता ऐसे हैं जिनमें न तो आपस में एक दूसरे के प्रति विश्वास है और न ही सब्र इसलिए मैं इस सरकार का भविष्य अच्छा नहीं समझता। जेल से फरलो पर आए इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने झज्जर और रोहतक जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मंच सांझा करते हुए कहा किदिन प्रतिदिन हरियाणा मध्यावधि वुनाव की तरफ जा रहा है।
सत्ता का प्रयोग जनहित में होना चाहिए मगर हरियाणा की सरकार में लूट के लिए सत्ता का प्रयोग हो रहा है। चौटाला का कहना था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री के बीच पॉवर को लेकर उपजा विवाद पर बीजेपी के नेताओं ने पानी डाल कर ठंडा किया है और वह विवाद पूरी तरह से बुझा नहीं है और उन में से एक नेता तो ऐसे हैं जिन्हे विवाद खडा किए बिना नींद तक नहीं आती।