बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से मुकाबला करने के लिए रविवार को कांग्रेस और वाम दलों समेत सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि “विपक्षी दलों का मुख्य मोर्चा” यह सुनिश्चित करेगा कि 2024 के आम चुनाव में भगवा पार्टी को बुरी तरह शिकस्त मिले।
भाजपा ने राजनीति के लिए हिंदू -मुस्लिम तनाव पैदा करने की कोशिश की
कुमार ने पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती के उपलक्ष्य में यहां इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) द्वारा आयोजित एक विशाल रैली में कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट हो जाएं, तो वे देश को तबाह करने के लिए काम कर रहे लोगों से छुटकारा दिला सकते हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राजनीतिक लाभ के लिए समाज में “हिंदू-मुस्लिम तनाव” पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस व वामदलों के बिना विपक्षी मोर्चा बनाने की परिकल्पना नहीं की जा सकती हैं
कुमार ने कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच कोई लड़ाई नहीं है और कुछ शरारत करने वाले हर जगह हैं। 1947 में विभाजन के बाद बड़ी संख्या में मुसलमानों ने भारत में रहने का विकल्प चुना था। उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस और वाम दलों के बिना एक विपक्षी मोर्चे की परिकल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने मंच पर मौजूद कांग्रेस विरोधी इतिहास वाले कुछ नेताओं समेत सभी नेताओं से एकजुट होने का आग्रह किया।
रैली में गैर भाजपा दलों को साथ लाने की गयी कोशिश
लंबे समय तक कांग्रेस विरोधी होने का इतिहास रखने वाले दो नेता, इनेलो के ओम प्रकाश चौटाला व शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, राकांपा के शरद पवार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सीताराम येचुरी व शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य वरिष्ठ नेता एक साथ एक मंच पर मौजूद थे। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर थे। इस रैली को गैर-भाजपा दलों के बीच एकजुटता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा था।
हालांकि, कांग्रेस की ओर से किसी ने रैली में शिरकत नहीं की। कुमार ने कहा कि यह समय सभी विपक्षी दलों का मुख्य मोर्चा बनाने का है, न कि कोई तीसरा मोर्चा बनाने का। उन्होंने कहा, “ऐसा मोर्चा शानदार तरीके से जीत हासिल करेगा।” रैली स्थल से रवाना होते समय कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा सरकार के तहत कोई वास्तविक काम नहीं हो रहा है। उन्होंने भाजपा पर मीडिया सहित विभिन्न संस्थानों पर नियंत्रण करने का आरोप लगाया, ताकि “एकतरफा” विमर्श को आगे बढ़ाया जा सके।