पंचकूला में 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही आतंकवाद निरोधी अदालत ने अपनी सुनवाई 18 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। स्थानीय वकीलों की तरफ से जारी हड़ताल के चलते यह सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील राजन मल्होत्रा ने बताया कि विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने हड़ताल के चलते सुनवाई स्थगित की। मल्होत्रा ने बताया, “प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने हमें अदालत परिसर के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया।”
साथ ही उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई 18 मार्च तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय वकील 12 मार्च को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। वे एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के एक वकील के साथ कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच आरोपी स्वामी असीमानंद के वकील मुकेश गर्ग ने एक पाकिस्तानी महिला के दावे का खंडन करने की मांग की।
महिला ने अदालत में अपने आवेदन में कहा है कि विस्फोट में उसके देश के प्रत्यक्षदर्शियों को गवाही देने के लिए तलब नहीं किया गया। गर्ग ने कहा कि पाकिस्तानी प्रत्यक्षदर्शियों को कम से कम छह बार तलब किया गया लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।
विस्फोट में मरने वाले पाकिस्तान के हाफिजाबाद जिले के धींगरावाली गांव के निवासी मुहम्मद वकील की बेटी राहिला वकील ने सोमवार को अदालत का रुख किया था और उनके देश के गवाहों से पूछताछ किए जाने की मांग की। अदालत ने महिला की याचिका को रिकॉर्ड पर लेते हुए 11 मार्च को मामले में अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को तय की थी और एनआईए को उसकी याचिका पर जवाब देने के लिए नोटिस भेजा था। समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट 18 फरवरी,2007 को हरियाणा के पानीपत के पास हुआ था।