चंडीगढ़ : पूर्व कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि एक ओर केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही इस सच्चाई को स्वीकारा कि देश में बेरोजगारी का स्तर बीते 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। दूसरी ओर आज जारी एक रिपोर्ट में ये सामने आया कि पूरे उत्तर भारत में हरियाणा में बेरोजगारी की दर सर्वाधिक 8.8 प्रतिशत पर है।
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा सरकार बताए कि कांग्रेस के समय जो हरियाणा निवेश व नये उद्योग में पूरे देश में सबसे आगे था, आज वो निवेश के बिना व नये उद्योगों के अभाव में बेरोजगारी की गर्त में कैसे चला गया? उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को भी अपने भविष्य के लिए विकास, उद्योग व रोजगार जैसे मुद्दों को महत्त्व देना पड़ेगा। उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि 31 मई को आई आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई है कि देश में बेरोजगारी का स्तर 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर है।
इतना ही नहीं हरियाणा में 15 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी का स्तर पड़ोसी राज्य पंजाब के 8.3 प्रतिशत, हिमाचल के 6.2 प्रतिशत तथा जम्मू कश्मीर के 5.2 प्रतिशत के मुकाबले सर्वाधिक है ही, यह राष्ट्रीय औसत 6.5 प्रतिशत से भी काफी ज्यादा है। भाजपा सरकार ने इन आंकड़ों को चुनाव के कारण जारी नहीं होने दिया तथा इन्हें संदिग्ध और झूठा तक करार दिया था।
इसके विरोध में राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग के दो सदस्यों को इस्तीफा भी देना पड़ा था, इसके बावजूद भाजपा सरकार अपने रुख पर अड़ी रही। जबकि, अब इन्हीं आंकड़ों को सरकार सही बताकर जारी कर चुकी है। इससे साबित होता है कि भाजपा सरकार ने सिर्फ वोट पाने के लिये युवाओं के साथ विश्वासघात किया है।
भाजपा राज में छोटे कारोबार हुए बंद
हुड्डा ने कहा कि 2014 के चुनाव में भाजपा ने युवाओं से हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन नौकरी तो दी नहीं उल्टा इन पांच सालों में पौने 5 करोड़ लोग बेरोजगार और हो गये। यही कारण है कि भाजपा ने पूरे चुनाव के दौरान विकास, उद्योग व रोजगार के मुद्दे पर कोई बात ही नहीं की और लोगों को दूसरे मुद्दों में उलझा दिया। उन्होंने बताया कि हुड्डा सरकार के कार्यकाल में प्रति व्यक्ति निवेश में हरियाणा पूरे देश में नम्बर एक पर था।
यहां आधा दर्जन आईएमटी व बड़े उद्योगों की स्थापना की गयी थी, जिससे प्रदेश में लाखों करोड़ रुपये का निवेश आया था। और तो और, भाजपा सरकार की कारगुजारियों के कारण सैंकड़ों उद्योग, छोटे कारोबार बंद हो गये या प्रदेश से पलायन कर गये। भाजपा राज में नये निवेश का भी आंकड़ा ‘शून्य’ पर है।
(आहूजा)