चंडीगढ़ : पांच साल पहले अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) पास करने वाले हजारों युवाओं के सर्टिफिकेट अब रद्दी का टुकड़ा नहीं होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए शिक्षा विभाग ने एचटेट प्रमाणपत्र को पांच साल की बजाय सात साल तक के लिए मान्य कर दिया है।
इससे वर्ष 2014 में एचटेट पास करने वाले 8072 जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड), 9316 टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और 5770 पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) को फायदा होगा जिनके प्रमाणपत्र की वैधता पिछले साल पहली मार्च को खत्म हो गई थी। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव महाबीर सिंह ने एचटेट प्रमाणपत्र की मान्यता दो साल के लिए बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
इससे पहले सितंबर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एचटेट प्रमाणपत्र को पांच साल के लिए सात साल तक मान्य करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी, लेकिन फिर मामला विधानसभा चुनाव के चलते लटक गया। पांच साल पहले एचटेट पास कर चुके युवाओं की पीड़ा थी कि उन्हें भर्ती परीक्षा का मौका दिए बगैर ही उनके प्रमाणपत्र बेकार हो गए। एचटेट पास एसोसिएशन लंबे समय से सरकार पर एचटेट प्रमाणपत्र की अवधि को बढ़ाने का दबाव बनाए हुए थी।
इसके चलते सरकारी स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक कर केंद्रीय अध्यापक पात्रता टेस्ट (सीटीईटी) की तर्ज पर एचटेट के प्रमाणपत्र की अवधि को सात साल करने का निर्णय ले लिया गया। अब शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।