चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज कहा कि असम की तरह हरियाणा में भी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य में कानून आयोग के गठन करने के लिए भी विचार किया जा रहा है तथा समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों की सेवायें लेने के लिये अलग से एक स्वैच्छिक विभाग का गठन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री आज अपनी सरकार के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान किये गये कार्यों की जानकारी देने के लिये पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर चलाये जा रहे महाजनसंपर्क अभियान के अंतिम दिन पंचकूला में हरियाणा राज्य मानव अधिकार आयोग के पूर्व चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एचएस भल्ला के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के तहत वह विभूतियों से मिल रहे हैं और उनका उद्देश्य पांच वर्ष के कार्यकाल में किये कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना तथा आने वाले समय में क्या करना है, इसके बारे भी प्रबुद्ध लोगों से सुझाव भी ले रहे है।
उन्होंने कहा कि अच्छे सुझाव को वह संकल्प पत्र में शामिल भी कर सकते है। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र पर हरियाणा सरकार तेजी से कार्य कर रही है तथा इसके आंकड़ का उपयोग राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में भी किया जायेगा। उन्होंने न्यायमूर्ति एचएस भल्ला के प्रयासों की सराहना की कि सेवानिवृति के बाद भी वे एनआरसी डाटा का अध्ययन करने के लिये असम के दौरे पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार के लिये भी एक तरीके से बेहतर होगा और श्री भल्ला की सेवायें राज्य में स्थापित किये जाने वाले एनआरसी के लिये उपयोगी होंगी। मुख्यमंत्री ने श्री भल्ला के साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि कुछ कानून बहुत पुराने हो गये है, उन्हें बदलने की भी आवश्यकता है। उदाहरण के लिये वन विभाग का पीएलपी एक्ट ऐसा है, जिसमें बदलाव जरूरी है। हरियाणा सरकार ने इसमें संशोधन भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लेफ्टीनेंट जनरल बीएस जयसवाल ने उन्हें सुझाव दिया है कि संविधान का अनुछेद 51 नागरिकों का देश के प्रति क्या कर्तव्य होना चाहिए इसकी व्याख्या देता है परंतु कोई भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। इस पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान हमें मौलिक अधिकारों के साथ-साथ देश के प्रति हमारे कर्तव्य हैं, इसकी भी जानकारी देता है। नागरिकों को अधिकारों की तरह अपने कर्तव्यों के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए।