एसवाईएल पर नायक नहीं खलनायक है इनेलो : बराला - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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एसवाईएल पर नायक नहीं खलनायक है इनेलो : बराला

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चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने इनेलो के एसवाईएल को लेकर जन जागरण अभियान को केवल जनता में भ्रम फैलाने की कवायद बताया और कहा की एसवाईएल के नाम पर जगह जगह जन जागरण करने वाले और अपने नाम के साथ जलनायक लगाने वाले अभय चौटाला शायद ये भूल गए है की असल में वे एसवाईएल पर नायक नहीं खलनायक है। उन्होंने कहा की इनेलो के पुरे परिवार ने ही कभी एसवाईएल और किसानो गंभीरता नहीं दिखाई 1977 में देवीलाल ने मुख्यमंत्री बनते ही हरियाणा के हितो की बलि चढाकर एसवाईएल के मुद्दे को ठंडे बसते में डाल दिया था, कोई प्रयास नहीं हुए की हरियाणा की जनता की भलाई के लिए एसवाईएल पर कोई तो काम हो, इसी तरह 1987 में दोबारा देवीलाल की सरकार बनने पर एसवाईएल का निर्माण कार्य दोबारा रुकवाकर हरियाणा की जनता के साथ धोखा किया 1999 में ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने और उन्होंने भी वैसा ही किया ।

2002 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला देने के एक माह पूर्व भी दोनों प्रदेशो के मुख्यमंत्रियों को बातचीत से मामले को सुलझाने के लिए कहा परन्तु चौटाला परिवार चुप्पी साधे रहा। जो व्यक्ति प्रदेश के किसानों का हक मारकर बैठा हो, उस व्यक्ति को प्रदेश में सम्मानित करके चौटाला परिवार ने यहाँ की जनता के साथ विश्वासघात किय। यही नहीं चौटाला परिवार ने अपने शासन के दौरान हरियाणा की जनता की पानी की समस्याओ को हल करने के लिए और किसानो के लिए कौन कौन सी योजनाए बनाई जरा जनता को बता दे।

इनेलो ने हरियाणा के हितो को दरकिनार कर सदैव राजनीतिक रोटियां सेंकी है और अपने पगड़ी बदल भाई बादल परिवार से दोस्ती निभाने के चक्कर में चौटाला परिवार ने हरियाणा के हित गिरवी रखे। एसवाईएल पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए श्री बराला ने कहा की आज जब हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी के जोरदार प्रयासों के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा हरियाणा के हितो की रक्षा करते हुए एसवाईएल के पानी को हरियाणा को देने के लिए पंजाब को बाध्य किया है।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एक दशक से ज्यादा समय से लंबित प्रेजिडेशियल रेफरेंस की पैरवी की है जिसकी माननीय सर्वोच्य न्यायालय में 29 फरवरी 2016 से 12 मई 2016 तक नियमित सुनवाई हुई। पंजाब के द्वार 2004 में बनाये समझौता निरस्तीकरण अधिनियम 2004 को असवैधानिक करार दिया और 10 नवम्बर 2016 को माननीय सर्वोच्य न्यायालय ने प्रेजिडेशियल रेफरेंस पर हरियाणा के पक्ष में फैसला दिया। श्री बराला ने कहा की जो लोग बजट को झूठा बताने वाले है वे यह समझ ले कि सच और झूठ का फैसला हमेशा जनता ने किया है जब इनेलो के समय में हरियाणा में किसानों ने फसल के मूल्य को लेकर आन्दोलान किया था तो इसी इनेलो परिवार ने मूल्य वर्धन की जगह किसानो को गोलियो और लाठियो का उपहार दिया था।

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(आहूजा)

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