नई दिल्ली : गोहाना रैली से इनेलो में पड़ी फूट दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में 19 सीट जीतने वाली पार्टी के आज के दिन मात्र 5 विधायक रह गए है। सूत्रों के अनुसार इनैलो का एक और विधायक भी अगले एक-दो दिन में पार्टी छोड़ने की घोषणा कर सकता है। इनेलो की हालत यह हो गई है कि प्रतिदिन इसके प्रदेश के किसी ना किसी कौने में बड़े व छोटे नेता पार्टी को छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो रहे है। सबसे ज्यादा खपत भाजपा में हो रही है।
रविवार को रानिया के विधायक रामचंद कांबोझ ने पार्टी छोड़ी थी कि आज रतिया के विधायक प्रो. रवीन्द्र बलियाला के इस्तीफे की चर्चाए दिनभर होती रही है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि रवीन्द्र बलियाला की भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला से मुलाकात हो चुकी है वह भाजपा में शामिल होने की इच्छा जता चुके है। हरियाणा में प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा खो चुकी पार्टी के सामने अब नेताओं और कार्यकर्ताओं को बचाकर रखना मुश्किल हो रहा है।
पांच विधायक भाजपा में शामिल, चार जजपा के साथ
इनेलो के पांच विधायक जाकिर हुसैन (नूह), केहर सिंह रावत (हथीन), रणबीर गंगवा (नलवा), बलवान सिंह दौलतपुरिया (फतेहाबाद), परविंद्रर दुल (जुलाना) भाजपा में शामिल हो चुके है। इसके एनआईटी फरीदाबाद से नगेन्द्र भडाना पहले से ही भाजपा की रैलियों में शामिल हो रहे है। वह ना तो पार्टी के कार्यक्रमों में भी ही भी नहीं हिस्सा ले रहे है।
चार विधायक नैना चौटाला (डबवाली), अनूप जानक (डकलाना), पिरथी नंबरदार (नरवाना) और राजदीप फोगाट (चरखी दादरी) ने अपने को पार्टी से अलग कर सांसद दुष्यंत चौटाला की पार्टी जनपा के साथ खड़े हो जाए व मेवात के फिरोजपर सिरसा से विधायक नसीम अहमद कांग्रेस में शामिल होने के बाद इनेलो का यह बड़ा कुनबा बिखर गया है। देखना ये होगा कि अब सीनियर चौटाला जिले में रहते हुए कैसे पार्टी को मजबूत करते है और विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं का मनोबल कैसे बनाए रख सकते है।