रोहतक : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा का किसान जागरूक एवं उद्यमशील है, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के नाम पर विपक्ष को किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर बरगलाने का काम नहीं करना चाहिए। जब स्वामीनाथन स्वयं कह चुके है, पिछले तीन-चार वर्षो में उनकी सिफारिशों के अधिकांश बिन्दुओं को लागू करने में सरकार आगे बढ़ी है और वे स्वयं सरकार के इस कदम से सतुंष्ट है। मुख्यमंत्री रविवार को रोहतक के मेला ग्राउंड में आयोजित तीसरे कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के उपरांत भारी संख्या में उपस्थित किसानों व अन्य विशिष्ट अतिथियों को संबोंधित कर रहे थे।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए बनाए गए मुख्यमंत्रियों के कार्य समूह के जब 2010 में अध्यक्ष थे तो 2014 तक स्वामीनाथन की सिफारिशें क्यों नहीं लागू करवा सकें। उन्होंने विपक्षी पार्टियों में किसानों की भावनाओं का उपयोग केवल वोट बैंक की राजनीति करने के लिए किया है। विपक्षी पार्टियों के नेता स्वयं स्वामीनाथन के पास जाये और उनसे आंकलन करवा लें कि पिछले चार वर्षो में कितना काम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के 28 व 29 बिन्दु है, इनमें से एक बिन्दु प्राकृतिक आपदाओं में फसल खराब हो जाने पर मुआवजे की राशि कम से कम 10 हजार है परंतु हमारी सरकार ने आते ही 12 हजार प्रति एकड़ निर्धारित किया है। इसी प्रकार सस्ते बीज, खाद देने की बात भी स्वामीनाथन ने की है और नीम कोटिड यूरिया व अन्य उर्वरक खाद व बीज किसानों को समय पर उपलब्ध करवाये जा रहे है। इसके लिए एक किसान कम से कम पांच एकड़ में खेती करे तथा दो किसान 10 एकड़ में, ऐसे प्रस्ताव पर विचार चल रहा है।
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(मनमोहन कथूरिया)