रोहतक : पीजीआई में चल रही हड़ताल को लेकर डॉक्टर जिद्द पर अड़ गए है और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तो हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि हड़ताल के विरोध में मिशन एकता समिति ने पीजीआई में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि हडताल से रोज मरीजों की मौत हो रही है और डाक्टरों को अपने वेतन की पडी है। साथ ही सरकार भी हडताल को लेकर कतई गंभीर नहीं है। समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलडिया ने कहा कि अगर जरूरत पडी तो हडताली डाक्टरों के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई जाएगी।
कांता आलडिया ने पीजीआई प्रबंधन पर भी सवाल उठाए कि आखिर तीन दिन के दौरान कई मरीजो की मौत हो चुकी है और प्रबंधन हडताली डाक्टरों के सामने बेबस है। समिति ने साफ कहा कि जब तक हडताल खत्म नहीं होती हर रोज धरने पर सैकडो की संख्या में लोग बैठेगे। पीजीआई में रजिडेट डाक्टरों की हडताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हालांकि बीती देर रात डाक्टरों व प्रबंधन के बीच कुछ हद तक बात सिरे चढ गई थी, लेकिन चंडीगढ़ से आए एक अधिकारी से हुई कहासुनी के बाद बात बिगड गई और डाक्टरो ने साफ कहा कि अब तो एसीएस लिखित में माफी मांगे और उनकी वेतन संबंधी मांग भी पूरी की जाए। हडताल को देखते हुए पीजीआई प्रबंधन ने वरिष्ठ डाक्टरों के साथ तीन दौर की वार्ता हुई, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार भी हडताल पर निगरानी रखे हुए है।
आक्रोशित सफाई कर्मचारियों की हड़ताल शुरू
शनिवार को भी रेजिडेट डाक्टरो की हडताल जारी रही, लेकिन हडताली डाक्टरों ने मरीजो की दिक्कतो को देखते हुए विजय पार्क में ही कुछ मरीजो की जांच की। हालांकि हडताली डाक्टरों से बातचीत के लिए कुलपति डॉ. ओपी कालरा भी उनके बीच पहुंचे और डाक्टरों से बातचीत की, लेकिन उन्होंने बातचीत से इंकार कर दिया। हडताली डाक्टरों का कहना है कि पहले तो अतिरिक्त मुख्य सचिव पहले लिखित में माफी मांगे तब ही आगे बात की जाएगी। डाक्टरो की हडताल को देखते हुए मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलडिया समिति सदस्यों के साथ पीजीआई परिसर में हडताली डाक्टरो के खिलाफ धरने पर बैठ गई। कांता आलडिया ने कहा कि या तो डाक्टर हडताल खत्म करे नहीं तो सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाकर उन्हें बर्खास्त करे।
कांता आलडिया ने हडताली डाक्टरों को दो दिन का अल्टीमेटम दिया और कहा वह इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराएगी। हडताल को लेकर पीजीआई में बुरा हाल हो चुका है। भले ही पीजीआई प्रबंधन मरीजो की मौत को रूटीन बता रहे हो, लेकिन सच्चाई यह है कि हडताल के चलते ईलाज के अभाव में कई मरीजो की मौत हुई है। यहां तक कि वार्डो में भर्ती मरीजो को जबरन डिस्चार्ज किया जा रहा है। अब तो स्थिति यह है कि शहर के निजी अस्पतालो में भी मरीजो को भर्ती करने के लिए बैड तक नहीं बचे है और मरीजो को मजबुरी के चलते दिल्ली व बहादुरगढ़ की तरफ रूख कर रहे है। हालांकि पीजीआई प्रबंधन का कहना है कि हडताली डाक्टरो से बातचीत जारी है और जल्द ही हडताल समाप्त हो जाएगी।