जींद : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले गरजने वाले जाटों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के गांव में प्रस्तावित कार्यक्रमों का बहिष्कार करने और कराने का जो ऐलान किया था, उस पर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है। शनिवार को हांसी के नजदीक गांव उमरा में वित्तमंत्री की जनसभा का विरोध करने के लिए जाट समाज के लोग अलग-अलग क्षेत्र से हांसी की ओर रवाना हुए। जींद से निकले सैंकड़ों जाटों के काफिले को जींद की सीमा से सटे गांव गुलकनी में रोक दिया। यह काम हांसी की पुलिस ने हिसार और जींद की सीमा पर डटकर किया।
जाटों ने पुलिस के बाधक बनने की इस कार्रवाई का मौके पर विरोध किया। इस दौरान पुलिस और जाटों के बीच तनातनी भी हुई। किंतुु पुलिस के तेवरों को भांपकर जाट समाज के लोगों ने सड़क के नजदीक धरना देकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इस मौके पर जाट नेता रामपाल ने कहा कि आरक्षण आंदोलन के दौरान समाज के कुछ युवकों पर मामले दर्ज किये गए। ये मुकद्दमे कैप्टन अभिमन्यु के दबाव में किये गए। इस मामले में समिति ने वित्तमंत्री से समाज के युवाओं के भविष्य का हवाला देकर उन्हें छुड़वाने की मांग की थी। किंतु वित्तमंत्री ने समाज के प्रति कोई सकारात्मक रूख नहीं दिखाया। वहीं आरक्षण देने तथा समाज के युवाओं पर दर्ज मुकद्दमे वापिस लेने का वायदा करने के बाद भी सरकार पलटी मार गई।
जाट संघर्ष समिति ने बैठक कर एक बार फिर भरी हुंकार
इसलिए समिति के नेतृत्व में जाट समाज के लोग वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए जा रहे थे। इस मौके पर सुनीता मान ने कहा कि सरकार जाट समाज की जानबूझकर अनदेखी कर रही है। किंतु समाज अपनी मांगों को पूरी कराकर ही दम लेगा। इसके अलावा कैथल जिले से हांसी की ओर जा रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों लोगों को जिले के गंाव बड़ौदा के बस स्टॉप पर रोक लिया। पुलिस द्वारा इनको आगे न जाने देने पर इन्होंने बस स्टॉप के पास अपना धरना शुरू कर दिया। सरकार के साथ-साथ वित्त मंत्री के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक उनको समिति की तरफ से कोई निर्देश नहीं मिलते तब तक वो बड़ौदा गांव में ही अपना धरना जारी रखेंगे।
– संजय शर्मा