गुरुग्राम: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में शनिवार को प्रद्युम्न हत्याकांड के नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस हुई। अधिवक्ताओं की बहस सुनकर जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिस पर अदालत 8 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल गुप्ता ने अदालत से आग्रह किया कि आरोपी को बाल सुधार गृह में बहुत समय हो गया है।
इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है और सीबीआई ने ही नाबालिग छात्र को आरोपी घोषित किया है। सीबीआई को आरोपी के गिरफ्तार होने के 30 दिनों के भीतर अदालत में चालान पेश करना चाहिए था, लेकिन सीबीआई ने ऐसा नहीं किया है। अधिवक्ता ने जुवेनाईल जस्टिस स्पेशल एक्ट के (के) रुल्स का हवाला देते हुए कहा कि इस रुल्स में प्रावधान है कि आरोपी के खिलाफ एक माह के भीतर चालान पेश करना होगा, लेकिन सीबीआई ने ऐसा नहीं किया है तो अदालत को नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार कर उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश देने चाहिए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों का विरोध करते हुए सीबीआई व मृतक प्रद्युम्र के पिता वरुण चंद ठाकुर के अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया कि आरोपी के ऊपर जो आरोप है, वे जघन्य अपराध की श्रेणी में आते है। सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत में अपनी दलीलें देते हुए कहा कि जुवेनाईल के मामले में भी अदालत में 90 दिन के भीतर चालान पेश करने का प्रावधान है। वरुण चंद ठाकुर के अधिवक्ता टेकरीवाल ने भी बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों का विरोध करते हुए अदालत से आग्रह किया कि आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार न की जाए।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।
– सतबीर, अरोड़ा