हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस समिट को कृषि कुंभ की संज्ञा देते हुए कहा कि इस तीन दिन के कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील किसान संस्थाएं, निति निर्धारक, कृषि वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि यहां भविष्य की नीतियों पर मिल बैठकर चर्चा करेंगे और किसानों की हित की योजनाएं तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को श्री कोविंद को अवगत करवाया कि भौगौलिक दृष्टि से हरियाणा देश का दो प्रतिशत से भी कम प्रतिनिधित्व करने के बावजूद भी केंद्रीय पुल में खाद्यान भंडारण में योगदान देने में दूसरे स्थान पर है।
प्रदेश गेहूं में 65 प्रतिशत तथा धान में 45 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने कहा कि उपलब्धियों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में चुनौतियां भी हैं। जोत छोटे होने के कारण कृषि की उत्पादकता बढ़ाना किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने पर उनका ध्यान है। कृषि के साथ-साथ अन्य व्यवसाय बढ़े और कम से कम किसान के एक लाख रुपये प्रति एकड़ हो इस और हम बढ़ रहे हैं।
पानी के अत्यधिक दोहन के कारण गिरते भूजल स्तर पर जताई चिंता
प्रदेश में पानी के अत्यधिक दोहन के कारण गिरते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा डार्क जोन में चला गया है। इसको देखते हुए हमने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लागू किया है। पानी के उचित प्रबंधन के कारण प्रदेश की 300 टेलों में से 293 टेलों तक पानी पहुंचाने में हम सफल रहे हैं। केवल सात टेल ही बची हैं।
भविष्य की पानी के प्रबंध की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को अवगत करवाया कि लखवार, रेणुका व किसाऊ बांधों के निर्माण का कार्य जो लंबे समय से फाईलों में लटका पड़ा था उसको प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय जल संशाधन मंत्री श्री नितिन गडकऱी के प्रयासों से सिरे चढ़ाया गया है और हरियाणा सहित सात राज्यों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। लखवार व किसाऊ दो बांधों से हरियाणा को अपने हिस्से का 47 प्रतिशत पानी मिल सकेगा और जो भविष्य में सिंचाई व पेयजल के लिए उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्नौर की इस इंडिया इंटरनेशनल हार्टिकल्चर मार्केट के निर्माण पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 600 एकड़ क्षेत्र में यह तैयार की जा रही है। पिछली सरकार के समय किन कारणों से इसका कार्य पूरा नहीं हो सका यह तो कहा नहीं जा सकता परंतु हमने इसका कार्य आगे बढ़ाया और अब यह पूर्ण होने को है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस कृषि मेले में पहुंचकर हमें आशीर्वाद दिया है आशा है कि भविष्य में इसी प्रकार का सहयोग उनसे मिलता रहेगा।
किसान इतिहास में एक ऐतिहासिक एवं सौभाग्यशाली दिन: ओमप्रकाश धनखड़
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आज का दिन किसान इतिहास में एक ऐतिहासिक एवं सौभाग्यशाली दिन है। देश के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद किसानों से रूबरू होने के लिए इस कृषि शिखर नेतृत्व सम्मेलन में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान मेहनती व परिश्रमी है और 90 लाख एकड़ के खेत में हरियाणा के किसान देश के लिए 15 करोड़ क्विंटल से अधिक का उत्पादन केंद्रीय पुल के लिए करता है।
हरियाणा की एक मुर्राह नस्ल की भैंस तथा साहीवाल नस्ल की गाय राष्ट्रपति को भेंट करने की घोषणा की इस अवसर पर धनखड़ ने राष्ट्रपति भवन को हरियाणा की एक मुर्राह नस्ल की भैंस तथा साहीवाल नस्ल की गाय भेंट करने की घोषणा की जिसे राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, शहरी स्थनीय निकाय, महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन, सांसद रमेश कौशिक, गन्नौर के विधायक कुलदीप शर्मा, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड की चेयरमैन श्रीमती कृष्णा गहलावत, हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू, कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक जे गणेशन, कृषि विभाग के महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी, उपायुक्त डा. शालीन, एसपी प्रतीक्षा गोदारा सहित सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति व किसान उपस्थित थे।