चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान के दिशा निर्देशों तहत शनिवार को कुमारी शैलजा के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद आज जब वह पदभार ग्रहण करने के लिए चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंची। लगभग 10 वर्ष तक राज्य की बागडोर संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके समर्थक करीब तीन साल बाद आज कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां भले ही कुमारी शैलजा का पदभार ग्रहण समारोह आयोजित किया गया लेकिन यहां पहुंचने वालों में ज्यादातर संख्या हुड्डा समर्थकों की थी।
हुड्डा समर्थक इस कार्यक्रम के माध्यम से कुमारी शैलजा व उनके करीबियों को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि उनकी अनदेखी उन्हें भी भारी पड़ सकती है। गुटबाजी मे बंटी हरियाणा कांग्रेस के नेता एकजुट दिखाई दिये। दक्षिण हरियाणा के नेता कैप्टन अजय सिंह यादव तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने न केवल हुड्डा व शैलजा के नेतृत्व को स्वीकार किया बल्कि सार्वजनिक मंच से हर सहयोग देने का भरोसा भी दिया। वहीं दूसरी तरफ वहीं पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने आज इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर एक बार से कांग्रेस हाईकमान को यह संदेश देने का काम किया है कि उन्हें हाईकमान का फैसला मंजूर नहीं है।
अशोक तंवर के हाथों से प्रदेश अध्यक्ष की कमान लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को सौंपी है तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावी अभियान कमेटी का अध्यक्ष बनाने के साथ-साथ सीएलपी लीडर बनाया है. इसके बावजूद पार्टी में गुटबाजी खत्म होने के आसार नहीं हैं। शैलजा के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में हुड्डा सरकार में रहे मंत्री, विधायक, बोर्ड व निगमों के चेयरमैन मौजूद रहे। कार्यक्रम का आलम यह था कि कार्यकर्ताओं से अधिक संख्या नेताओं की रही। हरियाणा कांग्रेस की कमान शैलजा-हुड्डा को कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करना आसान नहीं है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस हाईकमान ने अशोक तंवर से हाथों से प्रदेश अध्यक्ष की कमान लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को सौंप दी है इसके साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान कमेटी का चेयरमैन और सीएलपी लीडर बनाने का फैसला कितना सटीक बैठता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।