सिख उपदेशक संत राम सिंह के पार्थिव शरीर का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। वह सिंघू बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को समर्थन दे रहे थे और उन्होंने कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। नेता, धार्मिक गुरु और किसान संगठनों के नेता समेत भारी मात्रा में उनके अनुयायियों ने यहां स्थित सिंघरा गांव पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, उनके बेटे और कांग्रेस सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर और भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रमुख गुरनाम सिंह भी इस दौरान मौजूद थे।
बृहस्पतिवार को अकाली नेताओं और संत राम सिंह के अनुयायियों ने बड़ी संख्या में करनाल स्थित उनके गुरुद्वारे जाकर श्रद्धांजलि दी थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 65 वर्षीय उपदेशक के निधन को अपूरणीय क्षति बताया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी संत राम सिंह के निधन पर दुख प्रकट किया।
हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष ने कहा कि संत राम सिंह किसानों की समस्याओं से बहुत दुखी थे। संत राम सिंह के अंतिम संस्कार के बाद हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र को किसानों की मांग तत्काल मान लेनी चाहिए।