चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘सीएम विंडो’ पर आने वाली शिकायतों के निवारण के प्रति लापरवाही बरतने वाले दो जिला स्तर के अधिकारियों व तीन कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए। इसके अलावा सेवाकाल के दौरान गड़बड़ी करने वाले दो सेवानिवृत अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने, धन राशि का गबन करने वाले आईटीआई के प्रिंसिपल से वसूली करने और गबन के ही आरोप में एक को-आपरेटिव सोसायटी के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल ने ‘सीएम विंडो’ पर ऑनलाइन आने वाली शिकायतों के संबंध में आज यहां नोडल अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने बैठक में शिकायतों की समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट दी जिस पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं को समय पर दूर न करने वाले कर्मचारियों को अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव करना होगा वरना लापरवाह कर्मचारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। समीक्षा बैठक के दौरान पाया गया कि पलवल जिला के जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी के पास विभाग द्वारा गरीब लोगों को वितरित किए जाने वाले राशन में धांधली करने की कई शिकायतें आई परंतु उन्होंने इस मामले में कोई कार्रवाई नही की। इस प्रकार की कई शिकायतें उनके पास लंबित पड़ी हैं। पूर्व में चेतावनी दिए जाने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उनकी इसी लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते मुख्यमंत्री ने पलवल जिला के जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दिए।
इसी प्रकार रोहतक में शराब के ठेकों के आबंटन में सुनीता द्वारा दी गई कथित गड़बड़ी की शिकायत के मामले में मुख्यमंत्री ने पलवल के डीईटीसी ओमबीर सिंह, इंस्पैक्टर सुरेश कुमार, मुकेश कुमार व विकास को निलंबित करने के आदेश दिए तथा सेवानिवृत एईटीओ कमला धनखड़ व जगबीर सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। एक अन्य गबन के मामले में आईटीआई नरवाना के पूर्व प्रिंसिपल प्रवीन कुमार से गबन की गई राशि वसूलने के निर्देश दिए गए। गबन के ही एक और मामले में अंबाला सिटी वीटा को-आपरेटिव हाऊस बिल्डिंग सोसायटी के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए। मेवात में एक नाबालिग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में पुलिस को एक सप्ताह के अंदर आरोपियों को गिरफतार करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता ने कहा कि ‘सीएम विंडोÓ तथा सोशल मीडिया के माध्यम से आने वाली शिकायतों की समीक्षा के लिए भविष्य में चार-चार विभागों के नोडल अधिकारियों की बैठक होगी जिनमें विभाग के मुखिया को उपस्थित होना अनिवार्य होगा।
‘सीएम विंडो’ पर एक ही शिकायत की पुनरावृति के संबंध में मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने कहा कि नई शिकायत को पुरानी शिकायत में संबद्घ करके उस पर कार्रवाई करनी है। उच्चतर शिक्षा विभाग में एक भ्रष्टाचार की शिकायत को शिकायतकर्ता व आरोपी के समझौते पर कार्रवाई बंद किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने नोडल अधिकारी से कहा कि जनता के गाढ़े खून-पसीने की कमाई से प्राप्त धन को कोई कर्मचारी अगर गटक जाए तो इसमें आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,बेशक शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस ले लेता है। उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में गड़बड़ हुई है और शिकायतकर्ता आरोपी से समझौता करके शिकायत वापस लेता है तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा सरकार द्वारा ‘सीएम विंडो’ के अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों का भी निवारण किया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से ‘सीएमओ’ को जो शिकायतें मिल रही हैं उनका यथाशीघ्र समाधान किया जा रहा है। अनेक लोग उनकी समस्या का निवारण होने पर मुख्यमंत्री का आभार भी जता रहे हैं। टविटर पर ‘सीएमओ’ के फालोअर की संख्या एक लाख तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता ने सोशल मीडिया के माध्यम से आने वाली शिकायतों या समस्याओं पर और अधिक तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बारिश के मौसम को देखते हुए टूटी हुई सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर दुरूस्त करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
(आहूजा)