रोहतक: नोटबंदी को लेकर किये गए विरोध प्रदर्शन में भी कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई। पूर्व सीएम हुड्डा व पार्टी अध्यक्ष अशोक तंवर गुट ने अलग-अलग प्रदर्शन किया। हुड्डा गुट से पूर्व विधायक के नेतृत्व में पीएम का पुतला फूंका और पूर्व मंत्री ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने नेताओं के नारे लगाए और प्रधानमंत्री पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। बुधवार को तंवर गुट से पूर्व मंत्री सुभाष बत्तरा के नेतृत्व में काफी संख्या में कार्यकर्ता लघु सचिवालय पहुंचे और उपायुक्त यश गर्ग को नोटबंदी के विरोध में ज्ञापन सौंपा। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बत्तरा ने कहा कि नोटबंदी के एक साल बीत जाने के बाद भी व्यापारी, मजदूर, किसान व कमेरा वर्ग अभी तक उबर नहीं पाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नोटबंदी का फैसला पूरी तरीके से तुगली फरमान साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन के दस सालों के कार्यकाल में देश की अर्थ व्यवस्था तीन गुणा बढ गई थी। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में हर वर्ग के लिए कल्याणकारी नीतियां बनाई और उनके हितों का पूरी तरीके से ध्यान रखा। जीएसटी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस शासनकाल के दौरान लोकसभा में जीएसटी बिल लाया गया था तब भाजपा ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत कांग्रेस की योजना देश में 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने की थी जबकि भाजपा सरकार ने जीएसटी 28 प्रतिशत लगाकर कर व्यापारी वर्ग को तबाह करने का काम किया है। इसके कुछ समय बाद पूर्व सीएम गुट के पूर्व विधायक बीबी बत्तरा के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय के बाहर काफी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए और प्रधानमंत्री का पुतला फूंका।
पूर्व विधायक बत्तरा ने कहा कि भाजपा नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर जश्न मना रही हैं, उन्हें जश्न के बजायें बंटाधार व पश्चाताप दिवस मनाना चाहियें । नोटबंदी जिन उद्वेश्यों से की गई थी उनमे से एक भी उद्वेश्य पूरा नहीं हुआ । नोटबंदी के दौरान लगभग 150 लोगों की जाने गई, नोटबंदी के एक साल पूरे होने के बाद भी भ्रष्टाचार पूरी तरह अपने चरम पर हैं । अंातकवादी देश में सक्रीस हैं । नोटबंदी करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि 50 प्रतिशत देश में ब्लैकमनी चल रही हैं, लेकिन सारे 500 और 100 रूपये के नोट बैंकों में वापिस आ गये, ऐसे में पीएम का नोटबंदी का मामला पूर्णतया फलॉप हो गया ।
न तो युवाओं को रोजगार मिला और न ही काला धन वापिस आया । नई करेंसी छापने में हजारों करोड़ रूपया बर्बाद कर दिया गया । नोटबंदी और जीएसटी का नुक्सान अब भाजपा सरकार को हिमाचल और गुजरात चुनाव में उठाना पड़ेगा । ज्ञापन सौंपने वालों में संजय परमार, दीपक दलाल, नरेंद्र , कपिल खन्ना, अशोक सचदेवा, पूर्ण चुघ, दीपक मलिक , सुरेंद्र सिवाच, पम्मी परमजीत, बिल्ला बब्बर, अशोक ककराना, शिवम मग्गू, रमन , गौतम बतरा व सुशील जुनेजा प्रमुख रूप से शामिल रहे।
(मनमोहन कथूरिया)