रेवाड़ी : मनेठी में प्रस्तावित एम्स के निर्माण में वन विभाग द्वारा लगाई गई अडचनों को लेकर रविवार को एम्स बनाओ संघर्ष समिति की महापंचायत शहर के राव तुलाराम पार्क में आयोजित की गई। जिसमें सैंकड़ों ग्रामीणों के साथ-साथ अनेक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। महापंचायत के उपरांत सभी ग्रामीण प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। पंचायत की अध्यक्षता संघर्ष समिति के प्रधान व मनेठी गांव के सरपंच श्योताज सिंह ने की। महापंचायत में चेतावनी दी गई कि यदि मनेठी से एम्स को अन्यत्र ले जाया गया तो हर स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा और बड़ी से बड़ी कुर्बानी के लिए तैयार रहेंगे।
इस मौके पर संघर्ष समिति के प्रवक्ता का. राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि ग्रामीणों में इस बात को लेकर रोष है कि एम्स के लिए ग्राम पंचायत द्वारा दी गई जमीन को अरावली की जमीन बताकर इसमें बाधा खड़ी कर दी गई है। उन्होंने पूरे मामले का विवरण देते हुए कहा कि मनेठी ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर कुल 1127 एकड़ 3 मरला जमीन में से 224 एकड़ जमीन अरावली हेतु दी थी।
इस जमीन में एम्स के लिए दी गई जमीन नहीं आती है। जबकि उक्त सारी जमीन को अरावली की जमीन बना दिया गया। उन्होंने सरकार व वन विभाग से कहा कि वह सिद्ध करे कि उक्त जमीन अरावली को दी गई है। यह केवल कागजी दिखावा है। ताकि एम्स में रुकावट पैदा हो सके। हमारी मांग है कि मामले की पूरी जांच की जाए और इसमें ग्राम पंचायत व संघर्ष समिति को सुना जाए। हमारे पास अरावली की जमीन नहीं होने के पुख्ता सबूत हैं।
पंचायत में पूर्व मंत्री चौ. जसवंत सिंह बावल, पूर्व विधायक आफताब अहमद, पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चिरंजीव राव, जेजेपी नेता श्याम सुंदर सभरवाल, वेदप्रकाश विद्रोही, रानचे संयोजक विजय सोमाणी आदि नेताओं ने सरकार पर हमला बोलतेहुए कहा कि मनेठी से एम्स को ले जाने की साजिश की जा रही है। इस एम्स को पाने के लिए क्षेत्र के लोगों ने लंबा संघर्ष किया व धरना प्रदर्शन किया है। क्षेत्र के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने एम्स की घोषणा कराने का जब श्रेय लिया था तो अब उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
महापंचायत में महिलाओं की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही। महापंचायत में संघर्ष समिति के सदस्य जिला पार्षद आजाद सिंह नांधा, डा. एचडी यादव, बीडी यादव, ओमप्रकाश सेन, लक्ष्मी नारायण आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। पंचायत के बाद ग्रामीण नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे और वहां प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम रविन्द्र यादव को ज्ञापन सौंपा। सुरक्षा के मद्देनजर काफी संख्या में पुलिस बल भी इस दौरान तैनात रहा।