पिछले काफी समय से सूखी पड़ी पश्चिमी यमुनानहर के कारण खादर क्षेत्र में जल स्तर पर भारी असर पड रहा है। नहरी विभाग पश्चिमी यमुना नहर में पानी छोडने की बजाय सारा पानी आवर्धन नहर में छोड़कर जल स्तर प्रभावित करने का काम कर रहा है। जिससे किसानों में भारी रोष है। भारतीय किसान यूनियन की ओर से जिला प्रधान संजू गुंदयाना ने नहरी विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द पश्चिमी यमुना नहर में पानी नही छोडा गया तो किसान एसके रोड पर जाम लगाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
जिसके लिए नहरी विभाग के अधिकारी जिम्मेवार होंगे। भाकियू नेता संजू गुंदयाना ने बताया कि काफी समय से रादौर के पास से बह रही पश्चिमी यमुना नहर बिल्कुल सुखी पडी है। किसानों के लिए वरदान साबित हो रही पश्चिमी यमुना नहर के सूखे होने से क्षेत्र में जल स्तर काफी नीचे चला गया है। जो चिंता का विषय है। पश्चिमी यमुनानहर में जब पानी होता है तो खादर क्षेत्र के जल स्तर में काफी सुधार होता है। जब पश्चिमी यमुना नहर सूख जाती है तो इससे जल स्तर काफी नीचे चला जाता है। घटता जल स्तर किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है।
जल स्तर घटने से खादर क्षेत्र में टयूबवैलों का पानी कम हो गया है। जिससे किसानों को अपनी फसले सिंचने में दिक्कत का सामना करना पड रहा है। नहरी विभाग पक्की आवर्धन नहर में क्षमता से अधिक पानी छोड रहा है और आवर्धन नहर में एक बूंद भी पानी की नहीं छोडी जा रही है। यह किसानों के साथ अन्याय है।
विभाग को आधा पानी आवर्धन नहर में तथा आधा पानी पश्चिमी यमुना नहर में छोडना चाहिए। तभी किसानों को लाभ होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नहरी विभाग ने जल्द पानी पश्चिमी यमुना नहर में नही छोडा तो किसान नहरी विभाग के विरूद्ध अनिश्चितकालीन आंदोलन छेड सकते है। उधर किसान मलखानसिंह ग्रेवाल, श्यामलाल, मेजरसिंह, मनमोहनसिंह, जगमोहनसिंह, सतीश कुमार ने बताया कि वह खादर क्षेत्र में खेती करते है। जब से पश्चिमी यमुना नहर में पानी आना बंद हुआ है तब से भुमि का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। नहरी विभाग को नहर का पानी नहीं सुखाना चाहिए। चाहे पानी की कमी हो तो भी कुछ दिनों बाद बीच बीच में नहर में पानी छोडकर भुमि के जल स्तर को बनाए रखने का काम करना चाहिए।