यूपीए-2 सरकार के शासनकाल में 2 जी घोटाले को लेकर जमकर घमासान मचा था। 2जी घोटाले में आज पटियाला हाउस की विशेष CBI अदालत ने अब इस केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
वही फैसले पर सरकार की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आज जो फैसला आया है उसमें कांग्रेस नेतृत्व ऐसे प्रतिक्रिया दे रहा है जैसे उन्हें सर्टिफिकेट मिल गया।
उन्होंने कहा कि नीलामी के जरिए स्पेक्ट्रम नहीं दिए गए। गलत तरीके से लाइसेंस का आवंटन किया गया जिसकी वजह से नुकसान हुआ। नीलामी के जरिए अगर लाइसेंस बांटे जाते तो नुकसान नहीं होता। हमने लाइसेंस की नीलामी की तो ज्यादा पैसे मिले। बता दे कि 2008 में 2001 की दर से लाइसेंस दिए गए।
अरुण जेटलीकि कांग्रेस पार्टी इस फैसले को सम्मान के प्रतीक के तौर पर लेकर चल रही है जबकि हकीकत यह है कि इस पूरे प्रकरण में घोर अनियमितताएं बरती गईं। कांग्रेस इसे अपनी बेगुनाही का सर्टिफिकेट न माने। लाइसेंस आवंटन के लिए यूपीए सरकार का तरीका भ्रष्ट और बेईमानी वाला था जिसे 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ही खत्म किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस आवंटन प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता के आधार पर इसे खत्म किया था।
Each & every case of spectrum allocation was quashed by SC (in 2012) as arbitrary & unfair, the policy was quashed as unfair & intended to cause loss to GoI & the govt was directed to have a fresh policy by which an auction would take place: Arun Jaitley #2GScamVerdict pic.twitter.com/d9PLPckdmk
— ANI (@ANI) December 21, 2017
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई कोर्ट के फैसले को कांग्रेस सर्टिफिकेट नहीं समझे। जिस तरह से 2जी केस में पहले आओ पहले पाओ की नीति अपनाई गई वो गलत था।
वही , मनमोहन सिंह ने कहा कि कोर्ट का फैसला अपने आप में ही सब कह रहा है, उस दौरान सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया गया था। जिस पर आज कोर्ट ने इस मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। मनमोहन सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया था गलत नीयत से सरकार को बदनाम किया गया था।
आपको बता दे कि यूपीए सरकार के समय हुए 1.76 लाख करोड़ के इस घोटाले में विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाया हैं। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी, जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।