केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा को लेकर अल्पसंख्यकों के दिमाग में 70 वर्षों से जो नफरत भरी गई है वह 70 दिनों या सात वर्षों में एकाएक खत्म नहीं हो सकती, हालांकि इस ‘जहर’ का असर अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
गौरतलब है कि भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी, लेकिन इससे पहले इस विचारधारा की पार्टी भारतीय जनसंघ 1950 के दशक में बनी थी। नकवी ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में अल्पसंख्यक खुद को ‘पूरी तरह सुरक्षित’ महसूस कर रहे हैं तथा भेदभाव के बिना विकास करने का नतीजा है कि मोदी की लोकप्रियता अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों में बढ़ी है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने कहा, “अल्पसंख्यकों को नरेंद्र मोदी पर दृढ़ विश्वास है। भारत के अल्पसंख्यकों को अब यह विश्वास है कि वे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी तरह सुरक्षित हैं। यह इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने वोट के लिए अल्पसंख्यकों का राजनीतिक शोषण नहीं किया।”
उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यक समाज का कोई व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि मोदी सरकार में उसके साथ भेदभाव हुआ है या समावेशी विकास में उसकी उपेक्षा की गई है।” नकवी ने कहा, “अल्पसंख्यकों को यह अहसास हो गया कि कोई दंगा नहीं हुआ है, भेदभाव का कोई माहौल नहीं है। प्रधानमंत्री का यह दृढ़ विचार है कि कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”
अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भाजपा के खराब चुनावी प्रदर्शन के सवाल पर नकवी ने कहा, “मैं बहुत ईमानदार हूं। 70 वर्षों में नफरत का जो बीज भाजपा के लिए बोया गया है वह 70 दिनों या सात वर्षों में खत्म नहीं हो सकता। लेकिन मैं बहुत संतुष्ट हूं कि इस जहर का असर धीरे धीरे खत्म हो रहा है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी की लोकप्रियता देश के दूसरे तबकों के साथ साथ अल्पसंख्यकों में भी बढ़ी है, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हां, सौ फीसदी…. उनकी लोकप्रियता सभी 130 करोड़ भारतीय नागरिकों में बढ़ी है।” उन्होंने कहा, “तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने, अनुच्छेद 370 को हटाने और दूसरे मुद्दे सुधार के कदम हैं। इन मुद्दों को एक नजरिए से देखा जाना चाहिए।”
पहलू खान के मामले पर उन्होंने कहा,” अपराध की हर घटना से सख्ती से निपटा जाना चाहिए । किसी भी घटना को सांप्रदायिक रंग से नहीं देखना चाहिए। भारत संघीय लोकतंत्र है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों को परामर्श देती है। ऐसे मामलों में भी परामर्श दिया जाता है। मेरा मानना है कि दोषी लोगों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए।”
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिए जाने के बारे में पूछने पर नकवी ने कहा कि इस मामले को धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्वच्छ भारत मिशन की तरह किया जाएगा, इसे ‘आपातकाल वाली शैली’ में नहीं किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में नकवी ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता के संदर्भ में सरकार के स्तर पर कोई विचार नहीं किया गया है।