राहुल के साथ चर्चा में अभिजीत बनर्जी बोले-लोगों के हाथ में पैसे देने से पटरी पर आएगी अर्थव्यवस्था - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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राहुल के साथ चर्चा में अभिजीत बनर्जी बोले-लोगों के हाथ में पैसे देने से पटरी पर आएगी अर्थव्यवस्था

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को वैश्विक महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था की गिरती के मुद्दे पर नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बात की।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को वैश्विक महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बात की। यह चर्चा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा के हुई। अभिजीत बनर्जी ने कहा कि कोरोना संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के हाथों में पैसे पहुंचाने होंगे। 
राहुल गांधी ने पूछा कि क्या ‘न्याय’ की योजना की तर्ज पर लोगों को पैसे दिए जा सकते हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर।’’ साथ ही उन्होंने यह कहा कि अगर हम निचले तबके की 60 फीसदी आबादी के हाथों में कुछ पैसे देते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा। यह एक तरह का प्रोत्साहन होगा। दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव के समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को ‘न्याय’ का वादा किया था। इसके तहत देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया था। 

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बनर्जी ने यह भी कहा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें कम से कम तीन महीने के लिए अस्थायी राशन कार्ड जारी किए जाएं ताकि उन्हें अनाज मिल सके। गांधी के एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि जरूरतमंद तक पैसे पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा सकती है। उन्होंने अमेरिका और ब्राजील के राष्ट्रपतियों का हवाला देते हुए कहा कि यह गलत धारणा है कि ऐसे संकट के समय ‘मजबूत व्यक्ति’ स्थिति से निपट सकता है। 
पिछले दिनों राहुल गांधी ने दिनों भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के साथ इसी तरह का संवाद किया था। इस संवाद में राजन ने, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को सावधानीपूर्वक खत्म करने की पैरवी करते हुए कहा था कि गरीबों की मदद के लिए सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जाएं और इस पर करीब 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

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